उत्तराखंड: देहरादून/उत्तरकाशी – उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है। यहाँ हर पहाड़ी, हर घाटी अपने अंदर कोई न कोई रहस्य समेटे हुए है। जहां बद्रीनाथ, केदारनाथ, औली और नैनीताल जैसे स्थानों पर लाखों सैलानी हर साल पहुंचते हैं, वहीं कुछ ऐसे रास्ते और स्थल भी हैं, जिनकी जानकारी बहुत ही कम लोगों को है। ये जगहें न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हैं, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक अनुभवों के लिए भी उपयुक्त हैं।
कार्कीधार ट्रेल – चमोली की छुपी वादी
चमोली ज़िले के एक छोटे से गांव से निकलने वाला ‘कार्कीधार ट्रेल’ एक अद्भुत अनुभव देता है। यह रास्ता घने बांज के जंगलों और झरनों के बीच से होकर गुजरता है। यहां पर्यटकों की भीड़ नहीं होती, लेकिन ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए यह किसी स्वर्ग से कम नहीं।

पंवाली कांठा – गढ़वाल का छुपा खजाना
पंवाली कांठा ट्रेक उत्तरकाशी से शुरू होता है, और केदारनाथ रेंज के बेहद करीब ले जाता है। यहां से बर्फ से ढकी चोटियों का नज़ारा इतना पास से दिखता है कि आंखें भर आती हैं। बहुत कम लोग ही इस रास्ते के बारे में जानते हैं, क्योंकि यह ट्रेक ऑफिशियल टूरिज्म मानचित्र में नहीं है।

लाटू देवता का जंगल – कुमाऊं की रहस्यमयी पगडंडी
चंपावत ज़िले में एक स्थान है “लाटू देवता”, जहां साल में केवल एक दिन मंदिर खुलता है। इस जगह तक पहुंचने के लिए जो रास्ता है, वह इतना घना और शांत है कि वहां जाने वाले लोग कहते हैं – “यहां पेड़ भी फुसफुसाते हैं।” इस पगडंडी पर चलते हुए आपको कई बार ऐसा महसूस होगा जैसे कोई आपकी निगरानी कर रहा हो।

काली गंगा घाटी – उत्तराखंड का भूला-बिसरा मोती
गोपेश्वर और ग्वालदम के बीच एक घाटी है – काली गंगा। यह घाटी आज भी पर्यटकों से अछूती है। यहां के गांवों में आज भी लकड़ी के घर, पारंपरिक पहनावे और शुद्ध पहाड़ी भोजन मिलता है। काली गंगा नदी के किनारे बना यह ट्रेल बेहद शांति देने वाला है।

सैंज घाटी का गुप्त द्वार – लोककथाओं से जुड़ा
यह रास्ता टिहरी के एक सुदूर गांव से शुरू होता है और घने देवदार के जंगलों में खो जाता है। स्थानीय लोग कहते हैं कि यहां एक “गुप्त द्वार” है, जहां साधु-संत ध्यान करने आते हैं। यह जगह आज भी इंटरनेट से दूर है – न कोई नेटवर्क, न कोई शोर।
निष्कर्ष:
उत्तराखंड के ये अनजाने रास्ते न केवल ट्रेकिंग और एडवेंचर प्रेमियों के लिए एक नई खोज बन सकते हैं, बल्कि आत्मिक सुकून के लिए भी आदर्श हैं। यह जरूरी है कि इन जगहों की खूबसूरती को संरक्षित रखा जाए और जिम्मेदारी से यात्रा की जाए।
नोट: अगर आप इन स्थानों की यात्रा करना चाहते हैं, तो पहले स्थानीय मार्गदर्शकों से संपर्क करें और पर्यावरण की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें।