केदारनाथ यात्रा: केदारनाथ धाम के लिए संचालित हो रही हेलीकॉप्टर सेवा का पहला चरण समाप्त हो गया है। अब यह सेवा मानसून समाप्त होने और मौसम अनुकूल होने के बाद दोबारा शुरू की जाएगी। रविवार को छह हेली कंपनियों के सात हेलीकॉप्टर केदारनाथ घाटी से लौट गए।
केदारनाथ यात्रा: इस साल 2 मई से शुरू हुई यात्रा के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने आठ हेली कंपनियों के नौ हेलीकॉप्टरों को उड़ान की अनुमति दी थी। हालांकि, पहला चरण कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। 2 मई से 21 जून के बीच कुल 13,304 टिकट रद्द हुए, जिससे कंपनियों को लगभग 8.65 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। शुरुआत में, 2 से 16 मई के बीच मौसम और भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण एक हज़ार छह सौ अड़तीस टिकट रद्द किए गए।
केदारनाथ यात्रा: पहले चरण में हुई कई अहम घटनाएं:
7 जून को, क्रिस्टल कंपनी का एक हेलीकॉप्टर बडासू हेलीपैड से केदारनाथ उड़ान भरते समय तकनीकी कारणों से रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर आपात लैंडिंग करने को मजबूर हुआ।
इसके बाद DGCA ने सभी कंपनियों के ऑफिस का निरीक्षण किया और उड़ानों के लिए नया शेड्यूल तय किया, जिससे रोज़ सैकड़ों टिकट रद्द करने पड़े।
15 जून को, आर्यन हेलीकॉप्टर कंपनी का एक हेलीकॉप्टर गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरते समय गौरी माई खर्क क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में पायलट समेत सात लोगों की मौत हो गई। खराब मौसम को दुर्घटना का कारण माना गया।
इसके तुरंत बाद DGCA ने दो दिन के लिए सभी उड़ानें बंद कर दीं और जांच के बाद ट्रांस भारत कंपनी के दो पायलटों के लाइसेंस 6 महीने के लिए रद्द कर दिए गए।

आर्यन कंपनी के खिलाफ भी राजस्व विभाग ने केस दर्ज किया और लंबी पूछताछ की गई।
17 से 21 जून तक खराब मौसम के कारण उड़ानें पूरी तरह स्थगित रहीं, जिसके चलते यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
अब हेली सेवा फिर से तब शुरू होगी जब मौसम अनुकूल होगा और उड़ानों के लिए सुरक्षित परिस्थितियाँ होंगी।
