उत्तराखंड समाचार: उत्तराखंड में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। चुनाव की अधिसूचना पहले ही जारी हो चुकी थी और 25 जून से नामांकन प्रक्रिया शुरू होने की घोषणा की गई थी। इसके साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता भी लागू कर दी गई थी।
हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा 11 जून को जारी आरक्षण आदेश पर आपत्ति जताते हुए उस पर रोक लगा दी। सरकार ने आदेश में कहा था कि अब तक के पंचायत चुनावों में लागू आरक्षण को शून्य मानते हुए इस वर्ष से प्रथम आरक्षण चक्र लागू माना जाएगा। इसी आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की अधिसूचना जारी की थी।
उत्तराखंड समाचार: मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। इससे पहले हाईकोर्ट ने सरकार से 11 जून को जारी आदेश और नियमावली पर जवाब मांगा था, लेकिन कोर्ट सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी।
उत्तराखंड समाचार: यह याचिकाएं बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल व अन्य द्वारा दायर की गई थीं। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि सरकार ने 9 जून को नई नियमावली जारी कर और 11 जून को नया आरक्षण रोटेशन लागू कर पहले से तय आरक्षण व्यवस्था को बदल दिया है। इससे कई सीटें लगातार आरक्षित हो रही हैं, जिससे सामान्य वर्ग के उम्मीदवार चुनाव में भाग नहीं ले पा रहे हैं।

सरकार की ओर से बताया गया कि इसी विषय पर कुछ मामले एकलपीठ में भी विचाराधीन हैं, लेकिन याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का कहना था कि उन्होंने खंडपीठ में 9 जून की नियमावली को भी चुनौती दी है।
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद फिलहाल उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पर रोक लग गई है और अगली कार्यवाही तक कोई चुनावी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी।