iPHEX 2025: वैश्विक दवा एवं स्वास्थ्य देखभाल में भारत का दृढ़ स्थान





iPHEX 2025 — अर्थात International Exhibition for Pharma & Healthcare का 11वाँ संस्करण 04–06 सितंबर 2025 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। इसका आयोजन Pharmexcil (Pharmaceuticals Export Promotion Council of India) द्वारा किया गया, जो वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन आता है, तथा इस कार्यक्रम में औषधि विभाग एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का भी समर्थन रहा।
1. कौन-कौन से देश और संस्थाएँ शामिल रहीं?
इस बार 111 से अधिक देशों के 500+ विदेशी प्रतिनिधियों एवं 600+ विदेशी खरीदारों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में 120 से अधिक देशों का प्रतिनिधित्व था, जो वैश्विक स्तर पर इस मंच के आकर्षण को दर्शाता है।
भागीदारी के प्रमुख क्षेत्र: NAFTA, EU, ASEAN, लैटिन अमेरिका एवं कैरिबियन (LAC), अफ्रीका, GCC (गुल्फ सहयोग परिषद), तथा CIS एवं WANA आदि क्षेत्रीय समूहों के देश शामिल थे।
इसमें इनके अलावा स्वास्थ्य नियामक और सरकारी एजेंसियाँ भी शामिल थीं—जैसे कि CDSCO, साथ ही UK MHRA, ब्राजील के ANVISA, इथियोपिया FDA, रूस, नीदरलैंड, आदि देशों से प्रतिनिधि मौजूद थे।
2. आयोजन का उद्देश्य (Objective)
(a) वैश्विक व्यापार का संवर्धन
कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य भारतीय फार्मा और हेल्थकेयर क्षेत्र के निर्यात को बढ़ावा देना है—भले ही वह दवाइयाँ, बायो-सीमिलर्स, रोग प्रतिरोधक औषधियाँ, या अनुसंधान-आधारित सेवाएँ हों। यह भारत की क्षमताओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर करने के लिए तैयार एक प्रमुख मंच था।
(b) व्यापारिक सहयोग और नेटवर्किंग बढ़ाना
700+ भारतीय प्रदर्शक, 25,000 से अधिक घरेलू आगंतुक, और 8000+ B2B बैठकें इस आयोजन की व्यावसायिक मंथनी को दर्शाती हैं।
“Hosted Buyer Scheme” के तहत विदेशी व्यापार प्रतिनिधियों को विमान भाड़ा और होटल का आवास प्रदान किया गया, जो व्यापार संभावनाओं को और सुदृढ़ बनाता है।
(c) नियामक संवाद एवं मानकीकरण
इस वर्ष Global Regulatory Conclave आयोजित किया गया, जो CDSCO और Pharmexcil की संयुक्त पहल थी।
इस सम्मेलन में मुख्य विषय थे:
Regulatory Convergence & Reliance: वैश्विक नियामकों के बीच भरोसेमंद साझेदारी, मंजूरी प्रक्रिया का सरलीकरण आदि।
Good Reliance Practices (GRPs): सस्ती और प्रारम्भिक मंजूरी हेतु भरोसेमंद उपाय।
Bharat Health Vision 2030 & 2047, और शक्ति बाजारों तक पहुँच जैसे—US, EU, Japan के लिए रणनीतियाँ।
Pharmacopoeia Convergence: IP, BP, USP जैसे मानकों का संमिलन।
यह भारत को सिर्फ ‘फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड’ के रूप में प्रस्तुत नहीं करता, बल्कि उच्च गुणवत्ता, विश्वसनीयता, और नियामक विश्वसनीयता समेत वैश्विक स्वास्थ्य स्कीम में उसकी भूमिका को दर्शाता है।
(d) ब्रांड इंडिया फार्मा को बढ़ावा
iPHEX ‘Brand India Pharma’ अभियान का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन चुका है, जो भारत की वैश्विक फार्मा पहचान को मजबूत करता है।
यहाँ फार्मा निर्यात को 2030 तक $150 बिलियन तक ले जाने की योजनाएँ भी साझा की गईं—जिसमें नए शोध, जैव-उपकरण, जैविक गुरुत्व, विशेष जेनरिक्स और CDMO/CRO सेवाओं का बड़ा योगदान होगा।
3. प्रमुख उपलब्धियाँ और प्रभाव
• व्यापार-आधारित परिणाम
8000+ B2B बैठकों से संभावित व्यापार सौदों की नींव रखी गई।
Hosted buyer और स्टॉल प्रदर्शकों के बीच प्रभावी संवाद ने व्यापारिक साझेदारी को समृध्द किया।
• नियामक सांमंजस्य दर्शाना
कई देशों ने भारतीय फार्माकोपिया को मान्यता दी—12 पहले से मान्यता प्राप्त हैं, और 10–12 नए देशों से इसे जोड़ने की योजना प्रस्तुत की गई।
नियामक सम्मेलन ने वैश्विक विश्वास को मजबूत किया और भारत को एक भरोसेमंद दवा आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित किया।
• प्रतिष्ठा और ब्रांड निर्माण
Brand India Pharma मॉडल को मजबूती मिली, जिससे भारतीय कंपनियों का अंतरराष्ट्रीय दृश्यता और विश्वास बढ़ा।
भारत के फार्मा क्षेत्र का वैश्विक स्तर पर नेतृत्व प्रदर्शित करने में यह आयोजन महत्वपूर्ण साबित हुआ।
4. विषयगत संरचना एवं सत्र (Sessions & Tracks)
• Global Regulatory Conclave
निम्नलिखित सत्र शामिल थे:
Access to Quality Medicines through Regulatory Convergence & Reliance
GRPs for Affordable Medicines
Country Focus Sessions (Netherlands, UK, Brazil)
Market Access & Strategic Role of India
Pharmacopoeia Convergence (IP, USP)
इन सत्रों में विभिन्न देशों के प्रमुख नियामक, नीति निर्माता और फार्मा उद्योग विशेषज्ञ शामिल थे।
• International Buyers–Sellers Meet (आरबीएसएम)
एफिशियंट B2B बैठकों द्वारा व्यापार सम्भावनाएँ और सौदे अग्रसर हुए।
तकनीकी नवाचारों की खोज और साझेदारी पर बल दिया गया।
• प्रदर्शनियाँ और स्टॉल
700 से अधिक स्टॉल: फार्मास्यूटिकल्स, बायो-सीमिलर्स, वैक्सीन, APIs, नैचुरल उत्पाद, CRO/R&D सेवाएँ आदि की व्यापक प्रस्तुति।
25,000 घरेलू आगंतुक ने भारतीय फार्मा क्षेत्र का उत्साहपूर्ण समर्थन दिखाया।
5. वैश्विक संदर्भ में iPHEX का स्थान
इस कार्यक्रम ने भारत को स्वास्थ्य-डिप्लोमेसी के माध्यम से वैश्विक स्वास्थ्य कहानी में एक धारक के रूप में स्थापित किया।
पूरे संसार में मेडिकल उत्पादों और सेवाओं की पहुंच बढ़ाने का प्रयत्न, विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण (Global South), अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, ASEAN आदि में किया गया।
भारतवासियों के लिए यह संदेश स्पष्ट था: हम सिर्फ उत्पादक नहीं, बल्कि विश्व स्वास्थ्य नीति और व्यापार समझौते के रूप में एक अग्रणी देश हैं।
उपसंहार
iPHEX 2025 सिर्फ एक व्यापार-मेला नहीं था—यह एक वैश्विक स्वास्थ्य मंच था, जहाँ:
व्यापार, नियामकीय भरोसा और ब्रांड एजेंसी को एक साथ संचालित करने की ठोस रणनीति बनाई गई।
111+ देशों के प्रतिनिधियों ने भारत की क्षमता और विश्वास को स्वीकारा।
देश ने “Pharmacy of the World” का पदनाम न सिर्फ बनाए रखा, बल्कि उसे नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया।
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