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पंजाब में बाढ़ का कहर: लाखों प्रभावित, राहत कार्य जारी

पंजाब इस समय भीषण बाढ़ की त्रासदी से जूझ रहा है। भारी बारिश और धुस्सी बांधों के टूटने से हालात और ज्यादा खराब हो गए हैं। सरकार और प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं, लेकिन स्थिति सामान्य होने में अभी वक्त लगेगा।

48 लोगों की मौत, लाखों प्रभावित

बाढ़ की विभीषिका ने अब तक 48 लोगों की जान ले ली है। राज्य के 23 जिलों के 2050 से ज्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं। लगभग 3 लाख 87 हजार से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं और करीब 20 लाख लोग इस आपदा से प्रभावित हैं। गांवों में घरों से लेकर खेत और दुकानें तक पानी में डूबे हुए हैं।

बड़े पैमाने पर राहत और बचाव

पंजाब सरकार के मुताबिक अब तक 22,938 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला जा चुका है। राज्यभर में 219 राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां 5400 से ज्यादा लोग फिलहाल शरण लिए हुए हैं। सेना, एनडीआरएफ और प्रशासन की टीमें लगातार दिन-रात काम कर रही हैं। नावों और हेलीकॉप्टरों के जरिए लोगों तक भोजन, पानी और दवाइयां पहुंचाई जा रही हैं।

धुस्सी बांधों की मरम्मत

शनिवार को चार जिलों में धुस्सी बांध टूट जाने से पानी तेजी से गांवों में घुस गया। रविवार को दिनभर इन तटबंधों की मरम्मत का काम जारी रहा। स्थानीय प्रशासन, ग्रामीण और बचाव दल मिलकर लगातार बांधों को दुरुस्त करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि पानी का बहाव रोका जा सके।

शिक्षा पर असर, स्कूलों की होगी जांच

बाढ़ के बीच शिक्षा पर भी असर पड़ा है। कई स्कूल पूरी तरह से पानी में डूबे हुए हैं। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि शिक्षक पहले स्कूलों की स्थिति की जांच करेंगे। इसके बाद ही विद्यार्थियों को बुलाया जाएगा। उम्मीद है कि सोमवार से धीरे-धीरे स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो सकेगी।

किसानों की बढ़ी मुसीबत

बाढ़ का सबसे बड़ा असर किसानों पर पड़ा है। कई जिलों में धान और मक्का की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। खेतों में खड़ा पानी लंबे समय तक रहने से मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी प्रभावित हो रही है। किसानों का कहना है कि यह बाढ़ उनकी सालभर की मेहनत पर पानी फेर चुकी है।

स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौती

बाढ़ प्रभावित इलाकों में सबसे बड़ी चिंता अब बीमारियों की है। गंदे पानी और मच्छरों की बढ़ती संख्या से डेंगू, मलेरिया और अन्य बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया है और प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल कैंप लगाए गए हैं।

लोगों की पीड़ा

बाढ़ से प्रभावित लोग बेहद कठिनाई का सामना कर रहे हैं। कहीं परिवार अपने घर का सामान बचाने में लगे हैं तो कहीं लोग केवल जान बचाने के लिए राहत शिविरों में ठहरे हुए हैं। छोटे बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा परेशान हैं। कई लोग कहते हैं कि ऐसी तबाही उन्होंने पहली बार देखी है।

सरकार के प्रयास

पंजाब सरकार ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित लोगों को हर संभव मदद पहुंचाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से भी राहत पैकेज की मांग की है। साथ ही प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी प्रभावित परिवार को भूखा या बेघर न रहने दिया जाए।

आगे की राह

पंजाब में बाढ़ ने एक बड़ा संदेश दिया है कि हमें जल प्रबंधन और बाढ़ रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। तटबंधों की समय-समय पर मरम्मत, बारिश का पूर्वानुमान और बेहतर निकासी व्यवस्था से भविष्य में ऐसी तबाही से बचा जा सकता है।

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