रूस-यूक्रेन जंग: पुतिन के न्यौते को जेलेंस्की ने ठुकराया, बोले- “मैं आतंकी की राजधानी नहीं जा सकता”

करीब तीन साल से रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। दुनिया की नजर इस युद्ध पर टिकी हुई है, लेकिन शांति की कोशिशें लगातार नाकाम होती जा रही हैं। हाल ही में अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात के बाद उम्मीद जगी थी कि शायद युद्ध विराम का रास्ता निकल सकता है। लेकिन यह उम्मीद जल्द ही धूमिल हो गई, क्योंकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने पुतिन का प्रस्ताव ठुकरा दिया।
दरअसल, पुतिन ने जेलेंस्की को मॉस्को आने और बातचीत करने का निमंत्रण दिया था। लेकिन जेलेंस्की ने साफ शब्दों में कहा कि वे रूस की राजधानी नहीं जाएंगे। उन्होंने शर्त रखी कि अगर पुतिन को बातचीत करनी है तो वे कीव आकर करें।
जेलेंस्की का बयान
अमेरिकी मीडिया को दिए बयान में जेलेंस्की ने कहा – “मैं आतंकी की राजधानी नहीं जा सकता। यूक्रेन पर हर दिन हमले हो रहे हैं। पुतिन चाहे तो कीव आकर मुझसे मिल सकते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि रूस युद्ध को खत्म करने के बजाय और लंबा खींचना चाहता है। साथ ही, कूटनीति को केवल एक दिखावा बनाने की कोशिश कर रहा है।
रूस की सफाई
रूस की ओर से राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि पुतिन का निमंत्रण आत्मसमर्पण के लिए नहीं था, बल्कि बातचीत के लिए था। उन्होंने यह भी दोहराया कि पुतिन बातचीत को लेकर गंभीर हैं और चाहते हैं कि बैठक मॉस्को में हो।
यूक्रेन पर बढ़ते हमले
इसी बीच, यूक्रेन पर रूसी हमले और तेज हो गए हैं। जेलेंस्की के अनुसार, सिर्फ सितंबर के शुरुआती पाँच दिनों में ही रूस ने
1300 से ज्यादा ड्रोन,
करीब 900 बम,
और लगभग 50 मिसाइलें
यूक्रेन पर दागी हैं।
ये हमले देश के 14 से अधिक इलाकों में हुए हैं।
कीव पर ताजा हमला
ताजा घटनाक्रम में रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव को निशाना बनाया। ड्रोन और मिसाइल हमलों में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए। राजधानी के कैबिनेट भवन के पास से धुआं उठता देखा गया। हालांकि यह साफ नहीं हुआ कि सरकारी इमारत सीधे हमले का शिकार हुई या पास के धमाके से प्रभावित हुई।
अब तक रूस राजधानी के सरकारी भवनों को सीधे निशाना बनाने से बचता रहा था, लेकिन हालिया हमले ने यूक्रेन में नई चिंता खड़ी कर दी है।
नतीजा
पुतिन और जेलेंस्की के बीच सीधी मुलाकात की संभावना अभी दूर नजर आ रही है। एक तरफ रूस मॉस्को में बातचीत पर जोर दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ जेलेंस्की की शर्त है कि बातचीत केवल कीव में ही हो सकती है। लगातार बढ़ते हमलों के बीच यह सवाल और गहरा हो गया है कि आखिर इस जंग का अंत कब और कैसे होगा।



