उत्तराखंड के चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों में अगले 24 घंटे खतरनाक साबित हो सकते हैं। रक्षा भू सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान (डीजीआरई), चंडीगढ़ ने इन जिलों के 2950 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है। प्रशासन को सतर्क रहने और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही नियंत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं।

माणा में बीते सप्ताह हुआ था बड़ा हादसा
बीते सप्ताह चीन सीमा से सटे माणा क्षेत्र में बड़ा हिमस्खलन हुआ था, जिसमें सड़क निर्माण कार्य में लगे 54 मजदूर फंस गए थे। तीन दिनों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में 46 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन दुर्भाग्य से आठ मजदूरों की जान चली गई। इस घटना के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों में चल रहे निर्माण कार्यों को लेकर खतरा बढ़ गया है।
हाईवे चौड़ीकरण कार्य प्रभावित
माणा में हुए हिमस्खलन के कारण बद्रीनाथ-माणा हाईवे का सुधारीकरण और चौड़ीकरण कार्य प्रभावित हुआ है। सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस सड़क को 2027 तक पूरा किया जाना था, लेकिन बार-बार हो रहे हिमस्खलनों के कारण कार्य की गति धीमी हो गई है। बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) अब मजदूरों के लिए सुरक्षित आवास की व्यवस्था करने में जुटा है।

जिला प्रशासन ने जारी किए निर्देश
हिमस्खलन की चेतावनी के बाद जिला प्रशासन ने ऊंचाई वाले इलाकों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। पर्यटकों और स्थानीय लोगों से इन क्षेत्रों में जाने से बचने की अपील की गई है। खासतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को मौसम विभाग की अपडेट पर नजर रखने और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से तुरंत संपर्क करने को कहा गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक, आठ मार्च तक राज्य के अधिकतर हिस्सों में मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन ऊंचाई वाले इलाकों में हिमस्खलन का खतरा बना रहेगा। प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर राहत एवं बचाव दलों को सक्रिय किया जाएगा।