Ai जिसे हम आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के नाम से जानते है. आज के दौर में हर कोई Ai से वाकिफ़ है. जैसा की हम सभी जानते है की Ai ने जॉब के सभी टूल्स आसान कर दिए है. जैसे की Chatgpt, Deepseek और ऐसे कई टूल्स ने सभी व्यवसायों के कठिन दौर को और भी आसन बना दिया है. अब ग्राफ़िक्स हो या इमेज बनाना या फिर स्क्रिप्ट राइटिंग के सभी काम आसानी से आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस पर आराम से उपलब्ध है. इसका परिणाम आने वाली 2 जनरेशन के बाद सबसे ज्यादा हो जायेगा.
Elon musk ने भी किया था सावधान…
एलोन मस्क ने भी Ai के घातक परिणामों को लेकर एक आर्गेनाईजेशन प्लेटफ़ॉर्म पर आगाह किया है. जिसके बाद ही रश्मिका मंधाना का एक डीपफ़ेक विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसके बाद ही साइबर सेल हरकत में आ गया. लेकिन सोचने वाली बात यह है की किसी का भी चेहरा लगाकर कोई भी इमेज और विडियो क्रिएट कर किसी भी प्लेटफार्म पर अपलोड किया जा सकता है. इस तरीके के कृत्यों को रोकने के लिए सरकार अभी तक कोई ठोस कानून नहीं ला पाई हैं.
Terrosim एक्टिविटीज में AI का प्रयोग हो सकता है !
रायेटर मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार गूगल पर एक साल में 250 से ज्यादा टेररिज्म की डीपफेक वीडियोस डाली. जबकि बहुत सारे यूजर (users) ने दावा किया है की इन घटनाओं में बाल उत्पीड़न की घटनाये देखीं गई हैं. जिसे बाद में गवर्नमेंट एजेंसी ने विडियो को हटा दिया लेकिन इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है की Ai का इस्तेमाल किसी बड़ी घटनाओं को अंजाम देने के लिए भी किया जा सकता है.
निजता का उल्लंघन
मार्केटिंग कंपनिया सोशल मीडिया से गलत तरीके से लोगों का डाटा उठाती है. जिससे निजता का उल्लंघन (धारा 21) के तहत हो सकता है. आपका डाटा जरूरत से ज्यादा सोशल मीडिया पर इकठ्ठा हो जाता है. जिसका फ़ायदा कंपनियों को मिलता हैं.
मानसिक तनाव
Ai का उपयोग इतना बढ़ गया है की एक रिपोर्ट के अनुसार 12 से 16 साल के बच्चें Ai से इंसानों की तरह बात कर रहे है. जिससे दिमाग का विकास और आइसोलेशन का खतरा बढ़ रहा है. हाल ही में एक 16 साल के बच्चे ने सुसाइड कर लिया था और हेरानी की बात यह है कि बच्चें को सिर्फ Ai से बात करने से रोका गया था जिसका परिणाम उसने मानसिक संतुलन खो दिया.
Article by- Megha Bhardwaj