संगीत: बॉलीवुड इंडस्ट्री के जाने-माने संगीत निर्देशक, गायक और लेखक अजय शंकर ने अपने संघर्ष, मेहनत और प्रतिभा के बल पर एक अलग पहचान बनाई है। उत्तर प्रदेश के बरेली से आने वाले अजय शंकर ने अपनी संगीत शिक्षा ‘ और संगीत की विशेषज्ञता , बरेली’ से पूरी की और आज वह मुंबई में स्थापित ‘अजय शंकर नेटवर्क के माध्यम से देश-विदेश में अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं।

संगीत में सिद्धहस्त कलाकार:
अजय शंकर ने भारतीय शास्त्रीय संगीत में पारंगत होने के साथ-साथ आधुनिक संगीत में भी खुद को निपुण बनाया है। उन्होंने गिटार व अन्य वाद्ययंत्रों में भी कुशलता प्राप्त की है। अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने नए कलाकारों को प्रशिक्षण देना शुरू किया और धीरे-धीरे स्वयं मंच पर अपनी रचनाओं के माध्यम से लोकप्रियता हासिल की।

उन्होंने बॉलीवुड की प्रतिष्ठित गायिकाओं सुनीधी चौहान, ऋचा शर्मा और जसपिंदर नरूला के साथ भी कार्य किया है। अजय द्वारा निर्देशित संगीत फिल्म ‘Breed’ में विशेष रूप से सराहा गया। उनके लोकप्रिय गीतों में “जय हो तेरी भोले”, “बज्जरबाट्टू”, “अपनी तो निकल पड़ी”, “प्रिटी” और “चाय कम पानी” शामिल हैं।

प्रमुख कार्यक्रमों में सहभागिता:
हाल ही में अजय शंकर ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को समर्पित कार्यक्रम ‘मेरा प्यारा उत्तराखंड’ में भाग लिया, जहां उन्हें विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। इसके अलावा उन्हें विभिन्न सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय आयोजनों में सम्मानित किया गया है।

कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान उन्होंने राष्ट्रसेवा संग के लिए कोरोना योद्धाओं को समर्पित एक प्रेरणादायक गीत लिखा और प्रस्तुत किया, जिसे काफी सराहना मिली।


संगीत के क्षेत्र में विविध सेवाएं:
अजय शंकर नेटवर्क के माध्यम से अजय शंकर ने कई प्रकार से अपनी सेवाएँ प्रदान की है जिसमे शामिल है :फिल्म निर्माण, संगीत निर्देशन, स्टूडियो रिकॉर्डिंग, टेलीविजन कार्यक्रम, लाइव कार्यक्रमों की प्रस्तुति, इवेंट ऑर्गनाइजेशन तथा युवा कलाकारों को प्रशिक्षण

समाजसेवा और युवा प्रतिभा को प्रोत्साहन:
अजय शंकर का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि संगीत के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है। उनका मानना है कि उत्तर भारत, विशेषकर उत्तर प्रदेश के युवा कलाकारों को मंच प्रदान कर उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई जा सकती है।

उनके अनुसार, “यदि मेरी प्रेरणा से कोई युवा संगीत के क्षेत्र में अपने सपनों को साकार कर सके, तो यही मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।

निष्कर्ष
अजय शंकर आज के समय में न केवल एक सफल संगीत निर्देशक हैं, बल्कि एक प्रेरणास्रोत भी हैं जिन्होंने मेहनत और लगन से अपनी एक सशक्त पहचान बनाई है। संगीत के क्षेत्र में उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक रहेगा।