अगर देखा जाए तो दिन -प्रतिदिन लोगो में अंधविश्वास बढता जा रहा है | और यह आज का नहीं है बल्कि काफी सदियों पुराना हो चुका है | इतनी वैज्ञानिक प्रगति के बावजूद भी यह कहीं नहीं जाने वाला |
इसका बढने का असली कारण यह है की लोगो द्वारा बात को बिना कुछ सोचे समझे मान लेना | यह नहीं देखना या सोचना की जो बात वह मान रहे है अपने जीवन में लागू कर रहे है , वह कितनी सच है या उसका हमारे जीवन पर किया प्रभाव पड़ेगा |

अंधविश्वास एक ऐसा विश्वास है जो वैज्ञानिक प्रमाणों पर आधारित नहीं है | बल्कि सांस्कृतिक परंपराओं, मिथकों या तर्कहीन भय पर आधारित है ,और यह मिथ सामाज में बढता जा रहा है |
अंधविश्वास के भी कई प्रकार या यूँ कहे कई उदाहरण हो सकते है ,जैसे की : किसी काली बिल्ली का रास्ता काटना अशुभ माना जाता , रात में नाखून काटना अशुभ माना जाता है , हथेली में खुजली होना धन आगमन का संकेत है , टूटे शीशे में नहीं देखना चाहिए आदि |
अंधविश्वास में केवल यही नहीं बल्कि और भी बहुत कुछ है जिसको शामिल किया जाता है | जैसे की : अंधविश्वासों में तर्कशून्य विश्वास होता है , कोई भी चीज़ को जाने बिना उसे सत्य मान लेना सबसे बड़ा अंधविश्वास है , अंधविश्वासों से व्यक्तिगत अंधविश्वास विकसित हो जाता है |