Ankita Bhandari :उत्तराखंड वैसे तो देवों की भूमि कहा जाता है साथ ही यह बहुत अच्छा पर्यटक स्थल भी है जहां देश-विदेश से लोग घूमने आते हैं उत्तराखंड ने हमारे देश को कई वीर सुपुत्र दिए हैं । लेकिन आज से 2 साल 8 महीने पहले हुए एक खौफनाक वारदात की हम फिर आज चर्चा करेंगे।
यह जी हां यह वारदात और कोई नहीं बल्कि अंकित भंडारी केस हैं? पुलकित आर्य , सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता यह वह तीन कातिल है जो अब तक जिंदा है लेकिन जेल की सलाखों के पीछे है क्योंकि इन तीनों को कोटद्वार की कोर्ट ने 19 साल की अंकित भंडारी के कत्ल के इलज़ाम में उम्र कैद की सजा सुनाई है Ankita Bhandari
उत्तराखंड का बहुत चर्चित केस अंकित भंडारी कैसे? कोटद्वार की अदालत ने। 2 साल 8 महीने बाद दोषियों को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई।
Ankita Bhandari के क़त्ल की असली वजह को छुपाया क्यों गया पुलिस द्वारा
सजा पाने वालों में से शामिल है भाजपा नेता और उत्तराखंड के पूर्व मंत्री का बेटा पुलकित आर्य। शुरुआत में जब यह वारदात हुई तो इस वारदात से जुड़ी कई कहानियां सामने आई जो कि आरोपियों ने अपना जुल्म छुपाने के लिए खुद बनाई थी। इन तीनों ने यह कहानी बनाई की चीला बैराज में जाकर अंकित की पुलकित आर्य के साथ कहां सुनी हो गई थी इसलिए गुस्से में धक्का मुक्के में अंकित वहीं गिर गई और यह तीनों ऋषिकेश से वापस आ गए IAnkita Bhandari
अंकित हरिद्वार से करीबन 8 किलोमीटर दूर दून वंतरा रिजॉर्ट में अपनी पहली नौकरी बतौर रिसेप्शनिस्ट में ज्वाइन हुई थी। 12वीं के बाद अंकित ने होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया। अंकित पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली थी। आरोपियों को यह डर था कि अंकिता को उस होटल के बारे में कुछ ऐसा सच पता है जिसको वह सबके सामने लाना चाहती थी इसलिए वह लोग उसे ऋषिकेश ले गए और जिंदा उसे पानी में धक्का दे दिया।Ankita Bhandari

6 दिन बाद जब बैराज के पानी से अंकित की लाश बाहर निकली तब सचाई का पता लगा । अंकित की लाश 8 किलोमीटर दूर चिल पावर हाउस के करीब से बरामद हुई। भाग्य से उस वक्त बैराज का पानी कम किया गया था अगर वह पानी कम ना किया जाता तो अंकित की लाश कभी नहीं मिलती। Ankita Bhandari
असली कहानी तब शुरू होती है जब कोरोना कम होने लगता है। कोरोना की कम होने के दौरान जब सैलानी वापस आने लगे तो होटल मैनेजमेंट का कोर्स पूरा करने के बाद अंकित 18 अगस्त को हरिद्वार में ज्वाइन कर लेती है। उसे रिजॉर्ट से अंकित का घर करीब डेढ़ सौ किलोमीटर दूर था इसलिए उसका डेली आना जाना नामुमकिन था ऐसे में अंकित रिसोर्ट के ही एक कमरे में रहने लगती है। लिहाजा वहां रहते रहते अंकिता को कई अंदरूनी चीजों का पता लगता है। Ankita Bhandari
ठीक 1 महीने बाद यानी की 19 सितंबर को अंकिता अचानक गायब हो जाती है। और 19 सितंबर को सुबह रिसोर्ट का मालिक यानी कि पुलकित आर्य जो की मुख्य आरोपी है वह पुलिस स्टेशन जाकर अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाता है जिसके बाद अंकित के घरवालों को पुलिस के द्वारा सूचित किया जाता है। अंकित के घर वाले भागते-भागते ऋषिकेश आते हैं। वह कई घंटे पुलिस स्टेशन में भटकते रहते हैं लेकिन उनकी कोई रिपोर्ट नहीं लिखी जाती। इसका सबसे बड़ा कारण था पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य जो कि उत्तराखंड के पूर्व मंत्री रह चुके हैं।
निराश होकर अंकित के घर वाले डीएम के पास जाते हैं। उसके बाद 22 सितंबर को पहली बार कंप्लेंट लिखी जाती है और यह कहानी लोगों के सामने आती है। इसी दौरान अचानक से अंकिता के जम्मू में रहने वाले दोस्त का फोन उसके माता-पिता के पास आता है जिसमें वह अंकिता से हुई ऑडियो कॉल और चैट के बारे में अंकिता के माता-पिता को जानकारी देता है।Ankita Bhandari
Ankita Bhandari कौन कौन शामिल था रिसोर्ट को गिराने में?
इधर आननफानन में होटल को बुलडोजर से कुचलवा दिया जाता है ताकि कोई सबूत न मिल पाए। उसके बाद सारी कहानी सामने आ जाती है। कहानी यह है कि अंकित की मौत के पीछे रिसोर्ट में सैलानियों व् कारोबार को बढाने के लिए खेला जा रहा एक गंदा खेल था। पुलकित के पिता विनोद आर्य उत्तराखंड के पुराने भाजपा नेता है। इलाके में उनका अच्छा खासा नाम और दबाव थाऔर पुलकित इस बात का पूरा-पूरा फायदा उठाता था।Ankita Bhandari
जो लोग जंगलों के बीच रहना चाहते थे उनके लिए यह रिजॉर्ट एक अट्रैक्शन का काम करता था। क्योंकि कोरोना के बाद यहां सैलानियों का आना काफी हद तक काम हो गया था तो ऐसे में पुलकित ने अपने रिसोर्ट में काम करने वाली रिसेप्शनिस्ट यानी कि अंकित भंडारी को जिस्मफरोशी करने के लिए मजबूर किया। लेकिन अंकित तो सिर्फ काम करने आई थी उसने यह सब करने से मना कर दिया।
क्या हुआ था दुष्कर्म ?
घर वालों का कहना है की अंकिता के साथ दुष्कर्म भी किया गया था इन तीनो आरोपियों द्वारा. इसीलिए उसको बेराज में फैक दिया ताकि कोई साबुत न रहे I घर की आर्थिक स्थिति से मजबूर वह लड़की अपने माता-पिता को इस बात के बारे में नहीं बता पाई। लेकिन उसने अपने जम्मू में रहने वाले दोस्त को सारी बातें बताइए। और उसके इस दोस्त ने यह सब बातें उसके कत्ल के बाद उसके माता-पिता को बताएं। वही चैट वही ऑडियो रिकॉर्डिंग आज अहम सबूत है और आखिरकार इस सबूत के आधार पर पुलकित आर्य व् सौरव भास्कर और अंकित गुप्ता को अदालत ने मुजरिम करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई।Ankita Bhandari