आचार्य चाणक्य को कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है | भारत के इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं | मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के प्रधानमंत्री थे और अर्थशास्त्र के लेखक थे, जो राजनीतिक और आर्थिक नीतियों पर एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है |
आचार्य चाणक्य का जन्म ईसा पूर्व 350 में हुआ था और वे एक ब्राह्मण परिवार से थे | उन्होंने तक्षशिला में शिक्षा प्राप्त की, जो प्राचीन भारत का एक प्रसिद्ध शिक्षा केंद्र था |

चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य के सलाहकार थे और उन्होंने उन्हें नंद वंश को उखाड़ फेंकने और मौर्य साम्राज्य की स्थापना करने में मदद की। वे चंद्रगुप्त मौर्य के प्रधानमंत्री भी थे और उन्होंने राज्य को संगठित करने और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई |
चाणक्य ने अर्थशास्त्र नामक एक प्रसिद्ध ग्रंथ लिखा, जो राजनीति, अर्थनीति, कृषि, समाजनीति आदि विषयों पर एक विस्तृत विवरण है। यह ग्रंथ मौर्यकालीन भारतीय समाज का एक दर्पण माना जाता |
आइए जानते है चाणक्य की नीतियाँ किया है : चाणक्य नीति के 100 प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं,

ईमानदारी से जीवन जीने वाला व्यक्ति हमेशा सम्मान पाता है।
सच्चाई से बड़ा कोई धर्म नहीं है।
धैर्य से ही व्यक्ति कठिनाइयों को पार कर सकता है।
सही मित्र का चयन व्यक्ति के जीवन को खुशहाल बनाता है।
शत्रु से सतर्क रहना चाहिए।
समय का सदुपयोग ही सफलता की कुंजी है।
ज्ञान सबसे बड़ी संपत्ति है।
संयम से व्यक्ति अपने जीवन को सुदृढ़ बना सकता है।
अनुशासन से जीवन में स्थिरता आती है।
सही नेतृत्व से व्यक्ति अपने समूह को सफल बना सकता है।
हमेशा सतर्क रहें, क्योंकि शत्रु आपकी कमजोरियों की तलाश में रहता है।
कड़ी मेहनत से ही व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।
बुद्धिमत्ता का सही उपयोग ही सच्ची सफलता दिलाता है।
नैतिकता ही समाज की आधारशिला है।
जीवन में संतुलन बनाए रखना ही सुख और शांति का मूलमंत्र है।
दृढ़ निश्चय और मेहनत से ही महान लक्ष्य प्राप्त किए जा सकते हैं।
समर्पण भाव से किए गए कार्य में ही सच्ची सफलता मिलती है।
स्वयं पर विश्वास रखकर ही व्यक्ति बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकता है।
सच्चा मित्र वही है जो संकट में आपका साथ दे।
अच्छी स्मरण शक्ति का विकास करें, यह सफलता के लिए आवश्यक है।
सही प्रबंधन से ही संसाधनों का उचित उपयोग संभव है।
धन का सही उपयोग ही व्यक्ति को सच्ची सफलता दिलाता है।
संयम और अनुशासन से ही व्यक्ति अपने जीवन को व्यवस्थित कर सकता है।
धन का संचय नहीं, बल्कि उसका सही उपयोग महत्वपूर्ण है।
परिवार में प्रेम और सम्मान से ही सुख और शांति का निवास होता है।
अपने कर्तव्य का पालन करना ही सच्चा धर्म है।
प्रेरक विचारों से ही व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
समस्याओं का सही समाधान ही व्यक्ति को सफल बनाता है।
सही समय पर लिया गया निर्णय ही सफलता की कुंजी है।
संतुलित आहार और जीवनशैली से ही व्यक्ति स्वस्थ और सफल रह सकता है।
अपनी कमजोरियों को पहचानें और उन पर काम करें।
परिस्थितियों के अनुसार बदलना सीखें।
सही समय पर सही निर्णय लेना महत्वपूर्ण है।
दूसरों की गलतियों से सीखें।
मित्रता में विश्वास और सम्मान का महत्व है।
कभी भी हार न मानें।
धैर्य रखें और उचित समय की प्रतीक्षा करें।
आलस्य सबसे बड़ा शत्रु है।
सभी से विनम्रता से पेश आएं।
अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखें।
अपनी सीमाओं को पहचानें।
दूसरों की सलाह सुनें, पर निर्णय स्वयं लें।
ईमानदारी से काम करें।
समाज और परिवार का सम्मान करें।
स्वयं को लगातार सुधारें।
जीवन में अनुशासन का पालन करें।
न्यायप्रिय बनें।
किसी भी काम में दृढ़ निश्चय करें।
सफलता के लिए निरंतर प्रयास करें।
मदद के लिए तत्पर रहें।
अपनी संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करें
अहंकार से बचें।
दूसरों की भावनाओं का सम्मान करें
सही दिशा में प्रयास करें।
ज्ञान के साथ-साथ अनुभव भी जरूरी है।
अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित रखें।
समय की कीमत पहचानें।
स्वयं पर विश्वास रखें।
दूसरों को प्रेरित करें।
संयमित जीवन जीएं।
सही समय पर सही काम करें।
स्वार्थ से बचें।
सदैव सत्य बोलें।
अपनी गलतियों को स्वीकारें।
दूसरों की मदद के लिए तैयार रहें।
समस्या का सामना करें, न कि उससे भागें।
अपनी योजनाओं को गुप्त रखें।
लालच से बचें।
सफलता के लिए निरंतर सीखें।
जीवन में संतुलन बनाए रखें।
परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को ढालें।
कभी भी असत्य का सहारा न लें।
दूसरों की कमजोरियों का फायदा न उठाएं।
संघर्ष ही सफलता की कुंजी है।
धर्म और नीति का पालन करें।
सदैव विनम्र रहें।
सभी का आदर करें।
समय का सही उपयोग करें।
सच्चे मित्र की पहचान करें।
स्वयं को सदैव प्रेरित रखें।
सफलता के लिए धैर्य और संयम जरूरी है।
दूसरों की राय का सम्मान करें।
स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
जीवन में अनुशासन का पालन करें।
सदैव सत्य के मार्ग पर चलें।
दूसरों की सहायता करें।
स्वयं को सदैव सकारात्मक रखें।
अपनी गलतियों से सीखें।
धैर्य और संयम रखें।
दूसरों का सम्मान करें।
सच्चे मित्र बनें।
समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाएं।
सही मार्गदर्शन प्राप्त करें।
परिवार का सम्मान करें।
स्वयं को सदैव सुधारें।
सदैव मेहनत करें।
जीवन में सदैव संघर्ष करें।
अपनी योजनाओं को गुप्त रखें।
सदैव सच्चाई का पालन करें।
दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहें।

चाणक्य की मृत्यु ईसा पूर्व 275 में हुई थी |चाणक्य को एक महान राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री माना जाता है। उन्होंने अपने ज्ञान और दूरदर्शिता से चंद्रगुप्त मौर्य को मौर्य साम्राज्य की स्थापना करने में मदद की। उनके अर्थशास्त्र जैसे ग्रंथ अभी भी राजनीति और अर्थशास्त्र के छात्रों के लिए अध्ययन का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं