उत्तराखंड सरकार भू-कानून का पालन कराने के लिए अब सख्त रवैया अपना रही है। इस दौरान कई स्थानीयों के पते ने आधार कार्ड चेकिंग के जरिये उन्हें बाहरी बना दिया है। दरअसल, रोजगार या नौकरी के लिए बाहर गए कुछ लोग भू-कानून की चपेट में आ गए। जिला प्रशासन ने इन सभी लोगों को राज्य से बाहर का मानते हुए इनकी पुश्तैनी जमीनों पर सरकारी कब्जा लेने का आदेश जारी कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक सुनवाई के दौरान यह भू-स्वामी अपने दस्तावेज दिखाकर उत्तराखंड राज्य का निवासी होने का प्रमाण दे रहे हैं। बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर भू-कानून का पालन कराने के लिए जिला प्रशासन हरकत में आया। जिलाधिकारी सविल बंसल ने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश देकर कहा कि जमीनों की खरीद में नियमों के उल्लंघन की रिपोर्ट तैयार की जाए।
282 मामले आए सामने
अभी तक कार्यवाई के दौरान 283 मामले सामने आए है. जिन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है और अपना पक्ष रखने का अंतिम मौका दिया गया है. अगर यह बात सही साबित नहीं हो पाई तो यह जमीन सरकार के अधीन कर दी जाएगी.
सबसे ज्यादा मामले आए देहरादून से सामने
देहरादून जिले में सबसे अधिक भू-कानून उल्लंघन के मामले विकासनगर तहसील से सामने आए है. दुसरे स्थान पर ऋषिकेश और डोईवाला का नाम आता है. विकासनगर में 107.012 हेक्टेयर भूमि, ऋषिकेश में 21.89 हेक्टेयर भूमि और डोईवाला में 2.82 हेक्टेयर भूमि खरीदी गई है. जबकि देहरादून के अलावा उद्धमसिंह नगर और हरिद्वार में बड़े पैमाने पर ऐसे मामलों पर कार्यवाई की जा रही है.
क्या है उत्तराखंड भू-कानून
जिलाधिकारी के अनुसार, कृषि भूमि पर बड़े अपार्टमेंट और फार्म हाउस बनाए जाने की शिकायतें मिली हैं. 390 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से 282 पर कार्यवाई की जा चुकी है. उत्तराखंड सरकार ने भू-कानून में संशोधन कर इसे और सख्त बना दिया है. नए नियमों के मुताबिक:
1.बाहरी राज्यों के लोग कृषि और बागवानी भूमि नहीं खरीद सकते, केवल हरिद्वार और उधमसिंह नगर जिले को इसमें छूट दी गई है.
2.आवासीय उपयोग के लिए 250 वर्गमीटर तक जमीन खरीदने के लिए शपथ पत्र जरूरी होगा.
3.बाहरी राज्य के लोगों को जमीन खरीदने के लिए कारन भी बताना होगा.
4.अगर जमीन नियमों से हटकर खरीदी या फिर बेची जाती है, तो सरकार उसे अपने कब्ज़े में ले सकती है.
5.राज्य में साढ़े 12 एकड़ से अधिक भूमि खरीदने की अनुमति नहीं दी जाएगी
6.सरकार भूमि की खरीद और बिक्री के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार कर रही है. जिससे सभी डेटा व्यवस्थित रहेगा और गड़बडि़यों पर नज़र रखी जा सकेगी.
7.निकाय सीमा में तय भू-उपयोग से हटकर जमीन के इस्तेमाल पर भी सख्त कार्यवाई होगी.
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सरकार के मुताबिक भू-कानून का उल्लंघन कर जमीन खरीदने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. वहीं जिलाधिकारियों को हर हफ्ते इस मुद्दे की समीक्षा करने और रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए है. सरकार का यह भी कहना है कि इससे मनमाने तरीके से जमीन खरीद पर रोक लगाई जाएगी.
Story by-Megha Bhardwaj