उत्तराखंड में 1,27,873 उपभोक्ता बिजली बिलो के 415.67 करोड़ रूपये का घपला करके गायब हो गए , कही बिजली का मीटर नहीं मिला तो कही मालिक ही वर्षो से बहार है | यूपीसीएल के अधिकारियो द्वारा इनकी तलाश की जा रही है | परन्तु इसके चलते यूपीसीएल ने इस पूरी राशि को नॉन बिल्ड [एनवी] और स्टॉप बिल्ड [एसबी] की श्रेणी में डाल दिया है |

सूत्रों के मुताबिक बीते वर्षो में यूपीसीएल के अधिकारी – कर्मचारियों ने काफी गड़बड़िया की है | जिसके कारण उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि हुई है | जिनका बिल काफी अधिक था | लेकिन जब बिल की वसूली के लिए गए तो वह उपभोगक्ता वहाँ मिले ही नहीं तो कुछ का कोई अता -पता नहीं था | या तो कुछ माकन को हे बेच कर चले गए थे या तोह फिर कुछ ने माकन को हे छोड़ दिया था |
कुछ ऐसे मामले भी सामने आए है जिसमे एक ही मोहल्ले में ही नाम से काफी सारे कनेक्शन है| सूत्रों का कहना है की यदि एक कनेक्शन पर लोड या बिल अधिक पड़ता है तो मीटर जल्दी खराब हो जाता है | इसके चलते फिर वह दूसरे मीटर के साथ कनेक्शन किया जाता है | इसके साथ ही देखा जाए तो वर्ष 2019 में इन उपभोक्ताओं की संख्या 1,61,500 थी |
यूपीसीएल की टीमों का यह काम होता है की हर साल इस सांख्या को कम करे | जिससे हर साल इनकी संख्या में बदलाव होता है | इसके साथ ही यही पिछले वर्षो की संख्या की बात करे तो 2020 में इसकी संख्या 158300 रही 2021 में 161580, 2022 में 1,54,461, 2023 में 1,42,962 ,2024 में 1,31,418 और 2025 में 1,27,873 पर पहूची है | एनवी – एसवी की राशि 415.67 करोड़ पर उत्तराखंड विधुत नियामक आयोग ने चिंता जताई है |