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[Environment]पर्यावरण संरक्षण से लेकर प्रकृति पूजा तक धार्मिक ग्रंथों के साथ-साथ जीवन में इसका महत्व

Environment:जैसे की दिन प्रतिदिन पेड़ पौधो को काटा जा रहा है| जबकि हमारे हिंदू धर्म में बरसो से प्रकृति को देवी-देवताओं के रूप में समझा जाता है वह उसकी पूजा की जाती है| प्रकृति का आध्यात्मिक और भौतिक दोनों दृष्टियों से महत्व है।

मानव सभ्यता के आरंभ से ही पर्यावरण और धर्म का संबंध बना हुआ है| इसके साथ ही धरम केवल ईश्वर की अराधना तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक जीवन-दृष्टि है जो मानव को प्रकृति के साथ जोड़े रखता है| इसके साथ ही लगभग सभी धर्मों में प्रकृति के तत्व जैसे वृक्ष, नदियां, पर्वत, सूर्य, चंद्रमा, पशु-पक्षी को पवित्र माना गया है।

वेदों में प्रकृति के पांच मूल तत्व अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी और आकाश को पंचमहाभूत कहा गया है|

धर्मग्रंथों में पर्यावरण की उपस्थिति:[Environment]

हिन्दू धर्म में प्रकृति को देवी-देवताओं के रूप पूजा जाता है | यह एक आस्था का केंद्र है | प्रक्रति के पांच मूल तत्वों को पंचमहाभूत कहा गया है|Environment

इसके साथ ही यदि बात करे तो उत्तराखंड को देव भूमि कहा जाता है | यहाँ वनों की पूजा की जाती है, उनको देवी देवताओ के रूप में समझा जाता है| जिस कारण से उत्तराखंड बहुत ही खुबसूरत और फला ,फूला है|

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