छठ पूजा करने से क्या होता है? जानिए इसके चमत्कारी फायदे और धार्मिक महत्व
                                छठ पूजा भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है, जिसे खासतौर पर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में बड़े श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्य देव और छठी मईया को समर्पित होता है। छठ पूजा न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्वास्थ्य, परिवार और समाज के कल्याण से भी जुड़ा हुआ है।
छठ पूजा का महत्व:
छठ पूजा सूर्य उपासना का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। इस दिन लोग उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। माना जाता है कि सूर्य देव जीवन, ऊर्जा और शक्ति के स्रोत हैं, और उनकी पूजा करने से तन-मन पवित्र होता है। छठी मईया को संतान की रक्षा करने वाली देवी माना जाता है, जो भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

छठ पूजा करने से होने वाले लाभ:
- स्वास्थ्य लाभ:
छठ पूजा में उपवास, सूर्य स्नान और शुद्ध आहार का विशेष महत्व होता है। इससे शरीर शुद्ध होता है और मन को शांति मिलती है। सूरज की किरणों से शरीर में विटामिन D की मात्रा बढ़ती है जो हड्डियों और प्रतिरोधक क्षमता के लिए लाभदायक है। - मानसिक शांति:
इस पूजा के दौरान आत्मसंयम और ध्यान का अभ्यास किया जाता है। इससे मन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। - पारिवारिक सुख-समृद्धि:
छठ पूजा करने से परिवार में खुशहाली, एकता और प्रेम बना रहता है। ऐसा माना जाता है कि छठी मईया की कृपा से परिवार में संतान सुख, स्वास्थ्य और धन की वृद्धि होती है। - आध्यात्मिक शुद्धि:
यह पर्व आत्मा को शुद्ध करने और ईश्वर के प्रति समर्पण का प्रतीक है। व्रतधारी पूरी निष्ठा और भक्ति से यह व्रत करते हैं, जिससे जीवन में संतुलन और शांति आती है। 
छठ पूजा की विशेषता:
छठ पूजा चार दिनों तक चलने वाला व्रत है — नहाय खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य। व्रत रखने वाले लोग बिना पानी पिए पूरा दिन उपवास करते हैं और शाम को सूर्य देव को अर्घ्य देकर पूजा संपन्न करते हैं।

छठ पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह प्रकृति, सूर्य और मनुष्य के बीच के गहरे संबंध का प्रतीक है। यह पर्व हमें सिखाता है कि जीवन में अनुशासन, भक्ति और शुद्धता कितनी जरूरी है। जो व्यक्ति श्रद्धा और सच्चे मन से छठ पूजा करता है, उसके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।






