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नैनीताल की जनसंख्या: एक शांत पहाड़ी शहर की बदलती तस्वीर

नैनीताल

उत्तराखंड राज्य का सुंदर और प्रसिद्ध पहाड़ी जिला नैनीताल अपनी झीलों, प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन के लिए जाना जाता है। लेकिन इसके साथ-साथ यहाँ की जनसंख्या भी धीरे-धीरे बढ़ रही है। आइए जानते हैं नैनीताल की जनसंख्या से जुड़ी पूरी जानकारी सरल भाषा में।

नैनीताल जिले की स्थापना 1841 में हुई थी। यह जिला समुद्र तल से लगभग 2,084 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ का मौसम ठंडा और सुहावना होता है, जिस कारण यह जगह पूरे साल पर्यटकों से भरी रहती है।

नैनीताल

जनसंख्या के आँकड़े

भारत की जनगणना 2011 के अनुसार नैनीताल जिले की कुल जनसंख्या लगभग 9,54,605 (नौ लाख चौवन हजार छह सौ पाँच) थी। इसमें से लगभग 4,99,840 पुरुष और 4,54,765 महिलाएँ थीं।
यहाँ का लिंग अनुपात लगभग 910 महिलाएँ प्रति 1000 पुरुषों पर है।

शहर क्षेत्र की बात करें तो नैनीताल नगर में लगभग 41,000 से अधिक लोग निवास करते हैं। हाल के वर्षों में, पर्यटन, शिक्षा और व्यापार के कारण यहाँ की आबादी में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है।

जनसंख्या वृद्धि के कारण

नैनीताल की बढ़ती जनसंख्या के पीछे कई कारण हैं—

  1. पर्यटन उद्योग: बड़ी संख्या में लोग रोज़गार के लिए यहाँ आकर बस जाते हैं।
  2. शिक्षा केंद्र: नैनीताल में कई नामी स्कूल और कॉलेज हैं, जिनकी वजह से छात्र यहाँ आते हैं।
  3. प्राकृतिक सौंदर्य: शांत वातावरण और ठंडी जलवायु के कारण लोग यहाँ स्थायी रूप से बसना पसंद करते हैं।
नैनीताल

जनसंख्या से जुड़ी चुनौतियाँ

जनसंख्या बढ़ने से यहाँ पर ट्रैफिक, कचरा प्रबंधन, और रिहाइश की समस्या भी बढ़ी है। पर्यावरण संतुलन बनाए रखना अब एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।

नैनीताल की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, और इस सुंदर शहर के विकास के साथ पर्यावरण की सुरक्षा पर ध्यान देना भी जरूरी है।
अगर जनसंख्या नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण दोनों पर समान रूप से ध्यान दिया जाए, तो नैनीताल आने वाले वर्षों में भी अपनी सुंदरता और पहचान को बनाए रखेगा।

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