फैटी लिवर के लिए नई उम्मीद: हार्ट की 2 दवाएं कर सकती हैं लिवर को रिवर्स! वैज्ञानिकों ने किया बड़ा खुलासा
फैटी लिवर की बीमारी आज दुनिया में बहुत तेजी से बढ़ रही है। इस समस्या को मेडिकल भाषा में मेटाबोलिक डिसफंक्शन-एसोसिएटेड स्टीटोटिक लिवर डिजीज (MASLD) कहा जाता है। इसमें लिवर की कोशिकाओं में ज़रूरत से ज़्यादा फैट जमा हो जाता है, जिससे लिवर डैमेज और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।
अब स्पेन के वैज्ञानिकों ने इस बीमारी के इलाज में एक नई उम्मीद दिखाई है। बार्सिलोना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, हार्ट डिजीज की दो दवाएं — पेमाफिब्रेट (Pemafibrate) और टेल्मिसर्टन (Telmisartan) — फैटी लिवर को रिवर्स कर सकती हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन दवाओं का कॉम्बिनेशन लिवर में फैट स्टोरेज को कम करने में मदद करता है। पेमाफिब्रेट एक लिपिड-लोअरिंग एजेंट है, जो शरीर में फैट लेवल को कंट्रोल करता है, जबकि टेल्मिसर्टन एक ब्लड प्रेशर कम करने वाली दवा (Anti-hypertensive drug) है। जब इन दोनों को साथ में दिया गया, तो यह लिवर की कोशिकाओं में जमा फैट को घटाने में असरदार साबित हुई।

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह कॉम्बिनेशन उन मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है, जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी है। अभी यह स्टडी शुरुआती चरण में है और इंसानों पर इसका परीक्षण जारी है। अगर आगे के नतीजे सकारात्मक रहे, तो भविष्य में फैटी लिवर का पक्का इलाज मिल सकता है।
साधारण शब्दों में कहें, तो हार्ट की बीमारियों के लिए इस्तेमाल होने वाली ये दवाएं सिर्फ दिल ही नहीं, लिवर को भी हेल्दी बना सकती हैं। वैज्ञानिकों की इस खोज ने फैटी लिवर से जूझ रहे लोगों को एक नई उम्मीद दी है।






