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“शिक्षा, सेवा और संघर्ष का संगम – आर. पी. घिल्डियाल वसुंधरा”

जीवन में हर कोई सफलता पाना चाहता है, लेकिन कुछ लोग केवल अपने लिए नहीं बल्कि समाज के लिए भी मिसाल कायम करते हैं। ऐसे ही प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं आर. पी. घिल्डियाल वसुंधरा, जिन्होंने अपनी मेहनत, लगन और सेवा भावना से न केवल अपने जीवन को सफल बनाया बल्कि समाज के लिए भी नई दिशा तय की। उनकी संस्था देव भूमि जनकल्याण समिति वसुंधरा शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा के क्षेत्र में लगातार सराहनीय कार्य कर रही है।

साधारण जीवन से असाधारण सफ़र

आर. पी. घिल्डियाल वसुंधरा का जीवन साधारण शुरुआत से शुरू होकर प्रेरणादायक मुकाम तक पहुँचा है। बचपन से ही उन्होंने कठिन परिस्थितियों का सामना किया और हर मुश्किल से सीख लेकर आगे बढ़ते गए। उनका मानना है कि संघर्ष ही इंसान को मजबूत बनाता है। वे पिछले 35 वर्षों से देश की जानीमानी कंपनी भारती एयरटेल लिमिटेड के कॉरपोरेट ऑफिस में कार्यरत हैं।

शिक्षा और सपनों की ताकत

वे हमेशा मानते हैं कि शिक्षा ही असली पूँजी है। आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों के बावजूद उन्होंने शिक्षा प्राप्त की और इस ज्ञान का उपयोग समाज की भलाई में किया। उनके अनुसार शिक्षा केवल नौकरी पाने का साधन नहीं, बल्कि व्यक्तित्व को निखारने और समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने का माध्यम है।

अनाथ बच्चों के लिए सेवा

मानवता के प्रति उनके गहरे जुड़ाव का प्रमाण यह है कि उन्होंने अपने ही घर में लगभग 4 वर्षों तक अनाथालय चलाने में सहयोग किया, जहाँ अनाथ बच्चों को रहने, शिक्षा, भोजन और संस्कार दिए गए। इस पहल ने कई बच्चों के जीवन में नई उम्मीद जगाई। आज भी वे बच्चों के मोटिवेशन के लिए एक फिल्म पर काम कर रहे हैं, जो जल्द ही सबके सामने आने वाली है।

कोविड काल में अद्वितीय योगदान

कोविड महामारी के कठिन समय में आर. पी. घिल्डियाल वसुंधरा और उनकी संस्था देव भूमि जनकल्याण समिति वसुंधरा ने अनोखी मिसाल पेश की—

• ज़रूरतमंदों को मुफ्त राशन वितरित किया।
• कोविड टेस्ट कैंप आयोजित किए।
• मरीजों और उनके परिवारों तक दवाइयाँ और आवश्यक सामान पहुँचाया।
• बेरोज़गार परिवारों की आर्थिक मदद की।
इन प्रयासों ने कई परिवारों को राहत दी और समाज में एकजुटता की भावना को मज़बूत किया।

सामाजिक भागीदारी और जनसेवा

आर. पी. घिल्डियाल वसुंधरा श्री हरि राम लीला ट्रस्ट के भी पिछले दस वर्षों से अध्यक्ष हैं और वसुंधरा में एक भव्य सर्वसमाज की रामलीला का आयोजन करते हैं। वे केवल आपदा के समय ही नहीं, बल्कि सामान्य दिनों में भी समाज के लिए अनेक कार्यक्रमों का संचालन करते हैं। उनका मानना है कि सेवा केवल एक काम नहीं, बल्कि जीवन का असली उद्देश्य है।

संघर्षों से सफलता तक

उनकी यात्रा आसान नहीं थी, लेकिन उन्होंने हर बाधा को अवसर बनाया। साधारण परिस्थितियों से निकलकर उन्होंने यह सिद्ध किया कि हिम्मत और लगन से कोई भी ऊँचाई पाई जा सकती है।

युवाओं के लिए प्रेरणा

आज की पीढ़ी के लिए आर. पी. घिल्डियाल वसुंधरा गाजियाबाद का जीवन एक आदर्श उदाहरण है। वे यह संदेश देते हैं कि—

• सपने तभी पूरे होते हैं जब उनमें मेहनत और लगन हो।
• शिक्षा ही असली ताकत है।
• इंसानियत और समाज सेवा सबसे बड़ी पहचान है।
• कठिन समय में दूसरों की मदद करना ही सच्ची महानता है।

सम्मान और पहचान

आर. पी. घिल्डियाल वसुंधरा की जीवन यात्रा यह साबित करती है कि सफलता केवल अपने लिए पाने में नहीं, बल्कि दूसरों के जीवन में उम्मीद जगाने में है। उनकी संस्था देव भूमि जनकल्याण समिति और श्री हरि राम लीला ट्रस्ट वसुंधरा लगातार शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा के क्षेत्र में सराहनीय योगदान दे रहे हैं।

कोविड काल में उनके निस्वार्थ कार्य और अनाथ बच्चों के लिए अनाथालय चलाना, दोनों ही उनकी मानवीय सोच और बड़े दिल की गवाही देते हैं। दिल्ली-एनसीआर में उत्तराखंड के अनेक मंचों पर समाज ने उन्हें सम्मानित भी किया है।

आर. पी. घिल्डियाल वसुंधरा, मूल निवास रिखणीखाल पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड) का जीवन इस बात का जीता-जागता प्रमाण है कि कठिन परिस्थितियाँ भी किसी व्यक्ति के सपनों को रोक नहीं सकतीं। आज वे गाजियाबाद से लेकर पूरे देश में युवाओं के लिए एक सच्ची प्रेरणा हैं।

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