भारत का संविधान: भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। इसके लागू होने के साथ ही लोकतंत्र को एक मजबूत नींव मिली । इसी दिन देश ने स्वयं को एक स्वतंत्र, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया। यह संविधान न केवल शासन प्रणाली को दिशा देता है, बल्कि प्रत्येक नागरिक को समानता, स्वतंत्रता और न्याय सुनिश्चित करता है।
पहला और विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान
भारत का संविधान: भारतीय संविधान केवल भारत का नहीं, बल्कि विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। यह पहला ऐसा संविधान है जिसे न सिर्फ बारीकी से तैयार किया गया, बल्कि इसे हाथ से सुंदर ढंग से हिंदी और अंग्रेज़ी में लिखा भी गया। इसकी मूल प्रतियां सुंदर चित्रकारी और सजावट के साथ तैयार की गई थीं, जो आज भी संसद भवन की लाइब्रेरी में सुरक्षित रखी गई हैं।

डॉ. भीमराव अंबेडकर की ऐतिहासिक भूमिका
भारत का संविधान: संविधान निर्माण की प्रक्रिया का नेतृत्व डॉ. भीमराव अंबेडकर ने किया, जिन्हें संविधान निर्माता के रूप में जाना जाता है। वे संविधान सभा की ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष थे। तीन वर्षों तक चली गहन चर्चाओं, बहसों और 2000 से ज्यादा संशोधनों के बाद संविधान का अंतिम रूप तैयार किया गया।

संविधान की प्रमुख विशेषताएं
भारत का संविधान: भारत के संविधान में 470 अनुच्छेद है , 25 भाग है और 12 अनुसूचियां शामिल हैं। इसमें देश के मौलिक अधिकार, कर्तव्य, नीति निदेशक तत्वो के बारे में और संघीय ढांचे जैसी जरूरी बातें विस्तार से लिखी गई हैं। संविधान को समय के अनुरूप ढालने के लिए संशोधन की व्यवस्था भी की गई है।

लोकतंत्र की रीढ़
भारत का संविधान: यह संविधान ही है जिसने भारत को एक ऐसा ढांचा दिया, जिसमें जनता को सर्वोच्च माना गया। हर नागरिक को समान मताधिकार का अधिकार मिला और संसद, न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच शक्तियों का संतुलन स्थापित किया गया। यही लोकतांत्रिक ढांचा आज भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बनाता है।

संविधान दिवस और नागरिक जागरूकता
हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन देशभर में कार्यक्रमों का आयोजन कर संविधान के महत्व, नागरिक अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूकता फैलाई जाती है।
निष्कर्ष:
भारतीय संविधान सिर्फ कानूनों का संग्रह नहीं, बल्कि यह भारत की आत्मा है। यह एक ऐसा दस्तावेज़ है जिसे अत्यंत सम्मान और गौरव के साथ हाथ से लिखा गया और जो आज भी देश की लोकतांत्रिक प्रणाली की नींव बना हुआ है। बदलते युग में यह संविधान आज भी प्रासंगिक है और हर भारतीय के जीवन का मार्गदर्शक बना हुआ है।