बात बस चंद दिनों पुरानी है। मशहूर अमेरिकी पॉडकास्ट लेक्स फ्रीडमैन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू लेने के लिए भारत आए हुए थे। 3 घंटे का इंटरव्यू जारी किया गया। देश, विदेश, क्रिकेट ,राजनीति और बचपन से लेकर प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने तक अनगिनत सवाल प्रधानमंत्री मोदी से फ्रीडमैन ने पूछे। हालांकि इस इंटरव्यू के दौरान फ्रीडमैन की एक बात ने न सिर्फ 140 करोड़ भारतीयों के दिलों को छुआ बल्कि यह एहसास भी कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कद दुनिया भर में कितना विराट हो चुका है।
लेक्स फ्रीडमैन ने पॉडकास्ट के दौरान इस बात का खुलासा प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत के लिए वे 45 घंटे से उपवास पर है और इस दौरान उन्होंने सिर्फ अपनी ही पिया है। फ्रीडमैन ने बताया कि यह उपवास उन्होंने सही मानसिक और आध्यात्मिक स्थिति में आने के लिए रखा था। फ्रीडमैन के इंसानों के कम पर पीएम मोदी ने हंसी के साथ आभार जताया। उन्होंने फफ्रीडमैन के उपवास को अपने प्रति सम्मान के निशानी बताया। यह सम्मान सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी का ही नहीं बल्कि हर भारतीय का है।

वैसे मोदी का मैजिक तो मॉरिशस पर भी चला और खूब चला। प्रधानमंत्री की शख्सियत को इस द्वीप देश ने अपने सर्वोच्च सम्मान ‘द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन‘ से नवाजा। यह सम्मान पाने वाले पीएम मोदी पहले भारतीय और दुनिया की पांचवी बड़ी शख्सियत बन।
यह मामले तो सिर्फ बानागी भर है। अमेरिका से ऑस्ट्रेलिया और जापान से लेकर रूस तक ब्रांड मोदी की धमक महसूस की जा सकती है। हालांकि हो सकता है कि विपक्षी दलों और कुछ अलग सोच रखने वालों की राय इससे इतर हो। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में ऐसा संभव है।
2024 में हुए लोकसभा चुनाव में जब भारतीय जनता पार्टी के खाते में उम्मीद से थोड़ी कम यानी 240 सीटे आई तो आलोचकों ने उंगलियां प्रधानमंत्री मोदी की तरफ उठाई। उनकी तरफ से कहां गया कि मोदी का मैजिक अब खत्म हो रहा है, ब्रांड मोदी का ग्राफ नीचे गिर चुका है। कुछ विपक्षी दलों ने तो प्रधानमंत्री मोदी की उम्र का हवाला देते हुए उन्हें रिटायरमेंट की भी सलाह दे डाली।
हालांकि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से जवाब मिला। और फिर नतीजे राज्यों की विधानसभा चुनाव में जीत के तौर पर सामने आए।
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेक इरादों और साफ नियत का ही असर है। कि अब देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भाजपा या उसके गठबंधन वाली सरकार है। भारतीय जनता पार्टी गठबंधन अगर हिमाचल प्रदेश और झारखंड में चुनाव जीत जाता तो 23 राज्यों में उसकी सरकार होती। यह अपने आप में एक अनोखा रिकॉर्ड होता।

2024 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी रिकॉर्ड तीसरी बार प्रधानमंत्री बने।उनके नेतृत्व में भाजपा ने पिछले साल 8 राज्यों – आंध्र प्रदेश ,अरुणाचल प्रदेश ,सिक्किम ,ओडिशा , जम्मू कश्मीर ,हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव लड़ा था।
इसमें पांच राज्यों– आंध्र, अरुणाचल, ओडिशा, हरियाणा और महाराष्ट्र में भाजपा या गठबंधन की सरकार बनी। सिक्किम में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के बीच गठबंधन टूट गया। हालांकि केंद्र में दोनों साथहैं। वहीं जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस और झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार है।
हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर की आशंका को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी की रहा आसान नहीं दिख रही थी लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे और उनकी नीतियों ने इसे भी मुमकिन बना दिया। हरियाणा में पार्टी ने सत्ता में वापसी की हैट्रिक लगाई।
केंद्र में तीसरी बार वापसी के साथ-साथ राज्यों की सियासी पिच पर भी बीजेपी मोदी की अगुवाई में कितनी मजबूती से पैर जमा चुकी है। इसका एहसास 2025 की शुरुआत में ही हो चुका है।
पिछले 1998 के बाद दिल्ली के जी किले पर विपक्षी दल राज कर रहे थे उसे पर अब भाजपा का भगवा झंडा लहरा रहा है। केजरीवाल की ’मुक्ति की रेवड़ियों’ पर ‘मोदी की गारंटी’ भारी पड़ी। आधी आबादी की आंधी में आम आदमी पार्टी का लगातार 10 साल का शासन उड़ गया।
अब अगला इम्तिहान बिहार में है। वहां की विधानसभा का कार्यकाल नवंबर 2025 तक है। यानी चुनाव उससे पहले होंगे। बिहार विधानसभा का कार्यकाल नवंबर 2025 तक है उससे पहले वहां चुनाव होंगे वही 2026 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें पश्चिम बंगाल, असम, पुडुचेरी,तमिलनाडु और केरल शामिल है।
हर राज्य के मुद्दे अलग और मतदाताओं की सोच भी अलग होती है हर राजनीतिक दल वादे भी अलग करता है लेकिन बात जब भरोसे की आती है तो मुहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर उनकी गारंटी पर ही लगती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी दूरदर्शी सोच बेहतरीन नीतियों और शानदार नेतृत्व क्षमता से हाशिए पर मौजूद उन अनगिनत लोगों को एक नई रोशनी दिखाई जो शायद सम्मान के साथ जीने के मायने ही भूल चुके थे। उन्होंने देश के विकास के सफर और मिशन 2047 में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
इसकी मिसाल दिल्ली है, जहां ऐतिहासिक जीत के बाद मुख्यमंत्री पद पर एक महिला काबिज है। इस दौड़ में नाम तो कई नेताओं का था लेकिन यह मोदी है जिन्होंने महिला सशक्तिकरण से कोई समझौता नहीं किया।
खुद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ही बताती हैं कि “मोदी जी ने कहा कि सीएम की भूमिका काम के लिए है, सिर्फ समारोह के लिए नहीं “
वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो खुद ही बार-बार एक नई लकीर खींचते चले जा रहे हैं। वे खुद ही बार-बार अपने कार्यकर्ताओं को कामयाबी का मंत्र सीखने और बताते दिखते हैं कभी खुद चाय बेचने वाले प्रधानमंत्री मोदी बीजेपी को ’पारिवारिक पार्टी’ नहीं बल्कि ’कार्यकर्ताओं की पार्टी ’बताते हैं। उनकी अगुवाई में भाजपा इसे साबित करती रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हो या फिर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चारण माझी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव हो या फिर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और छत्तीसगढ़ के कम विष्णु देव राय…. यह सभी चेहरे संगठन में मामूली कार्यकर्ता से उभर कर मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे हैं।
नरेंद्र मोदी सिर्फ घरेलू फ्रंट पर ही खुद को चैंपियन साबित नहीं कर रहे बल्कि अपनी कूटनीतिक नीतियों से वे दुनिया को अपना कायल बना चुके हैं। अब तक दुनिया भर के 21 देश उन्हें प्रतिष्ठित सम्मान से नवाज चुके हैं। कई और कतार में है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोदी की यह धक ऐसे ही नहीं जमी। उनकी कूटनीतिक नीतियां ,दूसरे देश के साथ रिश्तों को और ज्यादा बेहतर बनाने की उनकी ललक,भारत को विश्व गुरु बनाने की उनकी सोच और आंख में आंख मिलाकर दुनिया में बात करने की उनकी नीति रंग लाई। आज मोदी अगर दुनिया में शांति स्थापित करने की पहल के तहत रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध खत्म करने की कोशिश में जुटे हैं तो वही आतंकवाद फैलाने वाले पाकिस्तान और भारत के खिलाफ एजेंडा चलने वाले दूसरे देशों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने का हुनर भी रखते हैं।
पिछले साल की ही बात है भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास चरम पर थी। इंडिया आउट का नारा देकर सत्ता में आए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोईज्जू और उनके कई मंत्री चीन की शह पर भारत विरोधी राग अलाप रहे थे। बस फिर क्या था प्रधानमंत्री मोदी ने सिर्फ एक ऐसा कदम उठाए जिससे मालदीव की अर्थव्यवस्था उसे समुद्र में डूबती दिखाई जिसके किनारे दुनिया भर के पर्यटकों को इकट्ठा कर वह माला –माल हो रहा था।
प्रधानमंत्री मोदी लक्षद्वीप का दौरा किया ….वहां के खूबसूरत समुद्र तट के किनारे कुर्सी पर बैठे और चहल कदमी करते हुए कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेर की इस मालदीव को मोदी का जवाब माना गया। मालदीप जाने वाले सबसे ज्यादा पर्यटकों में शामिल भारतीयों ने धड़ाधड़ अपनी बुकिंग रद्द करवानी शुरू कर दी। बॉयकॉट मालदीव ट्रेंड करने लगा। तब अननोन फानन में मामले को काबू में करने के लिए मालद्वीप में भारत विरोधी टिप्पणी करने वाले मंत्रियों को हटाने का सिलसिला शुरू हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी हमेशा यह बात कहते हैं कि भारत अब 1947 का भारत नहीं बल्कि एक नया भारत है जो अपने विरोधियों और दुश्मनों को उनकी भाषा में जवाब देना जानता है। हाल ही में यह अमेरिकी पॉडकास्ट लेक्स फ्रीडमैन के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने साफ शब्दों में पाकिस्तान को लेकर भारत की सोच दुनिया को बता दी। वे कहते दिखे की की पाकिस्तान से हमेशा धोखा मिला है साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान को एक दिन सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का रास्ता अपना आएगा।
प्रधानमंत्री मोदी के लिए ’इंडिया फर्स्ट ‘ यानी देश प्रेम है। उनकी निगाहें ’विजन 2047’ पर टिक चुकी है यानि आजादी के 100 साल पूरे होने तक भारत को विकसित राष्ट्रीय बनाने का रोड मैप तैयार हो चुका है। इसकी झलक केंद्र सरकार और राज्यों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में साफ दिखने लगी है। 14 दिसंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में भारतीय संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा के दौरान अपने भाषण में भारत के लिए उज्जवल और ज्यादा विकसित भविष्य के निर्माण के मकसद से 11 परिवर्तनकारी प्रतिज्ञाएं पेश की। इन प्रतिबद्धताओं में भ्रष्टाचार से निपटने सांस्कृतिक गौरव को बढ़ावा देने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी को 2047 तक विकसित राष्ट्र का दर्जा हासिल करने की भारत की क्षमता पर पूरा भरोसा है। इसलिए वे आत्मनिर्भर ,समावेशी और प्रगतिशील भारत बनाने के लिए “हम भारत के लोग “की भावना के तहत सभी नागरिकों की सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर दे रहे हैं।
’श्रेष्ठ भारत’ बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच साफ है इस साल 17 सितंबर को वह अपने जीवन के 75 साल पूरे कर लेंगे। हालांकि उनका जोश और काम करने का जुनून और जज्बा किसी युवा की तरह ही दिखता है। अरविंद केजरीवाल शरीर के नेता भले ही भविष्यवाणी कर रहे हो कि नरेंद्र मोदी 75 साल की उम्र में रिटायर हो जाएंगे। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी का फल सफा तो ’न टायर्ड ,ओर न रिटायर्ड’ वाला दिखता है। मोदी कहते हैं कि वह बहुत ही आशावादी व्यक्ति हैं और निराश्वद और नकारात्मकता उनके सॉफ्टवेयर में नहीं है।
लेक्स फ्रीडमैन के साथ पॉडकास्ट में मोदी ने कहा कि उनके पास एक दायित्व है। लेकिन दायित्व इतना बड़ा नहीं है जितना देश बड़ा है। उनके मुताबिक उनकी ताकत मोदी नहीं 140 करोड़ देशवासी है।