Breaking
Thu. Jun 19th, 2025

भारत की शान है राष्ट्र गान जन गण मन

राष्ट्रगान जन-गण-मन को राष्ट्रीय कवि रबिन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा एवं गाया था | राष्ट्रगान देश की आजादी के जश्न से लेकर वीर जवानों की शहादत के दौरान बजाया जाता है |

राष्ट्रगान जन-गण-मन भारत की आजादी का एक अहम हिस्सा है| राष्ट्रगान जन-गण-मन से देश की पहचान जुड़ी हुई है |

इसे स्वतंत्रता दिवस समेत अन्य विशेष अवसरों पर बजाया जाता है। संविधान ने इसे 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान (National Anthem) के रूप में स्वीकार किया था।

.राष्ट्रगान को पूरा गाने में 52 सेकेंड का समय लगता हैए जबकि इसके संस्‍करण को चलाने की अवधि लगभग 20 सेकंड है। इसे पहली बार 1911 में कोलकाता में कांग्रेस के एक कार्यक्रम में गाया गया था। इसमें 5 पद हैं।

राष्ट्रगान जन-गण-मन

जन गण मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता।

पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा
द्रविड़ उत्कल बंग।
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंग।

तव शुभ नामे जागे
तव शुभ आशीष मागे।

गाहे तव जयगाथा।

जन गण मंगलदायक जय हे
भारत भाग्य विधाता।

जय हे, जय हे, जय हे
जय जय जय जय हे॥

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *