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शेयर बाजार की कमजोर शुरुआत: सेंसेक्स 299 अंक गिरा, निफ्टी भी टूटा

शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार लाल निशान के साथ खुले। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में गिरावट दर्ज की गई। विदेशी निवेशकों की पूंजी निकासी और बैंकिंग शेयरों में कमजोरी का असर बाजार पर साफ दिखा।

सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 299.17 अंक टूटकर 80,684.14 पर पहुंच गया। इसी तरह एनएसई का 50 शेयरों वाला निफ्टी भी 76.75 अंक गिरकर 24,759.55 पर आ गया।

इससे पहले बुधवार को बाजार ने जबरदस्त तेजी दिखाई थी। उस दिन सेंसेक्स 715.69 अंक की बढ़त के साथ 80,983.31 पर और निफ्टी 225.20 अंक की छलांग के साथ 24,836.30 पर बंद हुआ था। लेकिन दो दिन बाद ही बाजार फिर से दबाव में आ गया।

गिरावट की वजहें

विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार पर दबाव की दो बड़ी वजहें हैं—

1. विदेशी पूंजी की निकासी: विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। इसका सीधा असर शेयरों की कीमतों पर पड़ता है।

2. बैंकिंग शेयरों में कमजोरी: शुरुआती कारोबार में बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में गिरावट देखी गई, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी दोनों प्रभावित हुए।

निवेशकों की चिंता

बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव से छोटे निवेशकों में चिंता का माहौल है। बुधवार को जिस तेजी से बाजार ऊपर गया था, उसने निवेशकों को उम्मीद दी थी कि अब मजबूती का दौर शुरू हो सकता है। लेकिन शुक्रवार की गिरावट ने यह साफ कर दिया कि बाजार फिलहाल अस्थिर बना रहेगा।

वैश्विक संकेतों का असर

भारतीय शेयर बाजार पर वैश्विक रुझानों का भी असर देखने को मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, डॉलर की मजबूती और विदेशी बाजारों की अनिश्चितता ने भारतीय बाजार को भी प्रभावित किया है।

आगे की संभावनाएं

विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार अभी उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है। विदेशी निवेशकों की रणनीति, बैंकिंग और आईटी शेयरों का प्रदर्शन और वैश्विक आर्थिक हालात आने वाले दिनों में बाजार की दिशा तय करेंगे। निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहकर निवेश करना चाहिए और केवल मजबूत कंपनियों के शेयरों पर ध्यान देना चाहिए।

शुक्रवार की शुरुआत निवेशकों के लिए अच्छी नहीं रही। सेंसेक्स लगभग 300 अंक और निफ्टी करीब 77 अंक गिर गया। यह साफ है कि बाजार अभी स्थिर नहीं है और निवेशकों को उतार-चढ़ाव के बीच सावधानी से कदम बढ़ाने होंगे।

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