माँ के दूध में बच्चे के लिए आवश्यक सारे विटामिन्स और पोषक तत्व होते है, जो बच्चो के इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं और बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढाते हैं. बच्चा हमेशा माँ के चेहरे की तरफ देखता है, जो कि उनके बीच के सम्बन्ध को बेहतर बनाता है. यदि माँ स्तनपान के दौरान मोबाइल में बात करती है या इस्तेमाल करती है तो बच्चे का ध्यान माँ के चेहरे से हट कर फोन पर जाता है. इस तरह माँ और बच्चे के बीच के सम्बन्ध के लिए ठीक नहीं है.
हानिकारक रेडिएशन: आज कल लोगों का स्क्रीन टाइम बहुत बढ़ गया है, जिसमे वो ज्यादातर समय instagram या facebook पर व्यतीत करते है. जब स्तनपान के समय माँ बच्चे की तरफ ध्यान नहीं देती तब बच्चा माँ का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने के लिये दबी हुई हँसी के साथ आवाज़ करता है. आपको बता दें कि बच्चों का शरीर बहुत मुलायम और नाजुक होता है. मोबाइल फोन से निकलने वाली हानिकारक रेडिएशन नवजात का शरीर बड़ी ही आसानी से सोख लेता है. इस तरह के हानिकारक तत्वों को सोखना बच्चों के लिए बहुत ही नुकसानदायक साबित हो सकता है. ये बच्चों के आनुवंशिक निर्माण और उनके मानसिक विकास को प्रभावित कर सकता है.

ओक्सिटोसिन हार्मोन का स्त्राव कम होना: जब माँ स्तनपान के दौरान अपने फ़ोन की वजह से विचलित रहती है तो बच्चा भी भ्रमित हो जाता है और स्तनपान करना बंद कर देता है. इससे माँ तनाव महसूस करती है जिस कारण ओक्सिटोसिन हार्मोन का स्त्राव कम हो जाता है. यह वही हार्मोन है जो माँ के शरीर में मिल्क के स्त्राव को बढ़ावा देने में मदद करता है.
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जब माँ स्तनपान के दौरान फ़ोन में व्यस्त रहती है तो बच्चा माँ से शारीरिक और भावनात्मक संपर्क महसूस नहीं कर पाता, जो कि बच्चे के वृद्धि और विकास के लिए बहुत आवश्यक है. यह भविष्य में बच्चे के लिए माँ के प्रति लगाव को कम कर सकता है. साथ ही बच्चे के अन्दर असुरक्षा की भावना को जन्म देता है.
स्टोरी : अंचला बधोलिया