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Fri. Mar 14th, 2025

Uttrakhand: पहाड़ो में वाहन चलाने के लिए अब परीक्षा जरूरी, बाहरी चालकों पर भी नियम लागू

CM पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में मोटापे के खिलाफ अभियान शुरू किया है. जिसमे प्रदेश के सभी सरकारी विभागों की भागीदारी अनिवार्य करदी गई है. इस अभियान का मुख्य उद्धेश्य प्रदेश के मुख्य नागरिकों को स्वास्थय और फिटनेस के प्रति जागरूक किया जायेगा.

अभी तक पहाड़ों पर वाहन चलाने के लिए ऑनलाइन फीस जमा करके ही हिल एंडोर्समेंट मिल जाता था. जबकि अब पहाड़ी इलाकों पर बाहरी व्यावसायिक वाहनों को अनुमति लेनी होगी. इसके जरिए अनुभवहीन चालकों को चारधाम यात्रा करने के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी.

देवभूमि में चारधाम यात्रा के लिए ग्रीनकार्ड जारी किया जाता है. जिसके लिए वाहनों की फिटनेस और उसके कागजात देखें जाते रहें है, वहीं सब सही पाए जाने के बाद ग्रीनकार्ड जारी कर दिया जाता है. व्यावसायिक वाहनों के लिए भी यहीं प्रक्रिया होती है. सिर्फ चालकों हिल एंडोर्समेंट कराना होता हैं.

ज्यादा दुर्घटना होने के कारण लागू हुए नियम

पूर्व में ज्यादा दुर्घटना होने के कारण जिस चालक ने हिल एंडोर्समेंट नहीं कराया, उन वाहनों का दुर्घटना बीमा भुगतान नहीं हो पाया हैं . जबकि ऐसे वाहनों से दुर्घटना की आशंका भी बनी रहीं हैं . इसीलिए हिल एंडोर्समेंट की प्रक्रिया को और सख्त किया जा रहा है. इसके तहत कई बार यात्रा कर रहें चालकों को नियमानुसार टेस्ट देने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी.

ऋषिकेश और देहरादून ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर ली जाएगी परीक्षा

नए चालकों को अब देनी होगी परीक्षा और वहीं जिसके ड्राइविंग लाइसेंस में पहले से ही हिल एंडोर्समेंट रजिस्टर्ड है. उसके लिए यह परीक्षा जरूरी नहीं होगी. वहीं संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह का कहना है कि इससे दुर्घटना कम होगी और जाम जेसी स्थिति उत्पन होने से रोका जा सकता है. इस बार इस नियम का सख्ती से पालन किया जायेगा.

Story by- Megha bhardwaj

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