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uttarakhand अभिनेता देवा धामी की इन 2 फिल्मों में दिखती है उत्तराखंड की विशेषता।

uttarakhand : यूँ तो उत्तराखंड में कई फिल्में बनती रही हैं। उन में गढ़वाली कुमाउनी और अब जौनसारी भी बनने लगी हैं। मेघा और जगवाल जैसी फिल्में उत्तराखंड के फिल्म जगत की शुरुवात बनी।

वहीं देवा धामी की फिल्म छोलियार जो की 2016 में रिलीज हुई। फिल्म की पटकथा इतनी सुन्दर है कि उसे लाखों लोगों का प्यार मिला। फिल्म में उत्तराखंड की एक ऐसी पीड़ा दिखती है जिसका समाज से हटना अति आवश्यक है। देवा धामी का अभिनय इस फिल्म में काबिलिय तारीफ है | एक छोलिया नृत्यक के रूप में उन्होंने इस फिल्म के साथ पूरा न्याय किया | वहीं फिल्म में राजेश, आर्या, मिथिलेश पांडे जैसे और मंजूर घुसेन जैसे बड़े नाम जुड़े थे | जिनके अभिनय से फिल्म और खुबसूरत हुई। उत्तराखंड सरकार ने इस फिल्म को सबसे बहतर फिल्म बताया, और इस फिल्म के गाने पवनदीप राजन द्वारा गाये गये| जो की इंडिन आईडिल के विजेता रहे। साधना सरगम की सुरीली आवाज भी इस फिल्म में दिखती है। तो अगर ये कहा जाए की उत्तराखंड के इतिहास में अब तक छोलियार सबसे बहतरीन फिल्म तो इसमें कोई अतिशोक्ति नहीं होगी, और ये फिल्म लोगों को इतनी पसंद आई की लोग सिनेमा हॉल से रोते हुए अपने घर को गए । कहीं न कहीं हर दिल को छुआ इस फिल्म ने , इसके निर्माता जीतेन्द्र भट्टी थे।

उसके बाद सन 2018 में फिल्म अभिनेता देवा धामी की फिल्म केदार आई। जिसका निदेशक कमल मेहता ने किया, और इस फिल्म के निर्माता सुरेश पाण्डेय रहे | फिल्म पलायन के साथ साथ उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक कटाक्ष के साथ साथ फिल्म युवाओं में इस कादर फैली की हर युवा की पहली पसंद ये फिल्म बनी।

आइये जानते है देवा धामी के uttarakhand गानों के बारे में

फिल्म के गाने जैसे-ढींकी टिपडी: जो की खुद uttarakhand अभिनेता देवा धामी द्वारा गया गया है , मैं ठैरा पहाड़ी: ये गाना सत्य अधिकारी द्वारा गया गया है, मेरो प्यारो उत्तराखंड: जिसको सत्येन्द्र पेरिंडिया द्वारा गया गया है, आदि और भी लोकप्रिय गाने है|
और ये फिल्म पिथोरागढ़ शहर में लगातार दो महीने तक चलती रही| जो की देवाधामी का होमटाउन भी है, और सेंसर जब ये फिल्म हुई थी तब सेंसर टीम ने एक कथन इस फिल्म के बारे में कहा की इसके जो बॉक्सिंग सीक्वेंस थे वो इतने अच्छे थे की बड़ी बड़ी फिल्मों को भी मात देते हैं |

फिल्म में देवा धामी एक गार्ड की नौकरी करते हुए कैसे अन्तराष्ट्रीय बॉक्सिंग अरेना में पहुँचते हैं| इस पर ये आधारित फिल्म अब यूट्यूब पर भी मौजूद है जो की हिल्सवन स्टूडियो के ऑफिसियल चैनल पर आप देख सकते हैं | फिल्म के कई सीन इतने जबरदस्त हैं की आप पूरी तहर रोमांचित हो उठेंगे| देवाधामी की हर फिल्म पहाड़ को समर्पित होती है और उन्हें छोलिया man of uttarakhand भी कहा जाता है| क्योंकि वो छोलिया नृत्य पारंगत है| देवाधामी ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया की वो चाहते हैं की उत्तराखंड देश का पहला राज्य बने चाहे वो संस्कृति की बात हो संपन्नता की बात हो या फिर मानवता की बात हो| वैसे तो देवा धामी अपनी अव्वल दर्जे की बातों के लिए हमेशा चर्चाओं में रहते हैं जो वो अपने प्रदेश के लिए बताते हैं उन्ही में से उनका एक कथन मैं गढ़वाली तू कुमाउनी तो उत्तराखंडी कौन ये सवाल उन्होंने पूरे देश को किया पूरे, पूरे प्रदेश को किया| कि अगर ऐसी ही भाषओं के आधार पर प्रदेश बटने लगा तो एक सशक्त उत्तराखंड की नीव कैसे रखी जाएगी|

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