यदि आज हम बात करे उत्तराखंडी फिल्मों के बारे में तो यूँ तो उत्तराखंड में फिल्मों का दौर कम रहा है | उत्तराखंडी फिल्में कम देखनो को मिलती हैं |
इसके साथ ही यदि हम बात करे उत्तराखंड में बनी हुई फिल्मों के बारे में तो उत्तराखंड की सबसे पहली फिल्म “जग्वाल” है | जग्वाल फिल्म “1983” में बनाई गई थी | जो की गढ़वाली भाषा में बनाई गई थी |
उसके साथ ही उत्तराखंड की जानी-मानी फिल्म “मेघा आ” है, जो की पहली कुमाऊँनी फिल्म है | उत्तराखंड में और भी बहुत बढ़िया फिल्मे है जैसे : केदार , गोपी भिना , चक्रचाल , अन्ज्वाल , घरवाली, मेरु गाँव , पोथली, राजुला , आदि जैसे और ही फिल्मे बनाई गई है |
वैसे तो सभी फिल्मेअपने आप में कुछ न कुछ दर्शाती है मगर 2023 में आई “देवा धामी” की फिल्म “केदार” ने पर्दे पर जमकर धमाल मचाया है | केदार फिल्म पहाड़ी लोगो के जीवन यापन को दिखाती है , की किस तहरा से लोगो को पहाड़ पर स्वास्थ्य समस्या से लेकर जीवन यापन में कितने संघर्षों का सामना करना पड़ता है |

“देवा धामी” की “केदार” फिल्म युवाओ में खेल की भावना को भी पैदा करती है | जब बात “देवा धामी” की हो ही रही है तो हम उनकी फिल्म “छोल्यार” को कैसे ही भूल सकते है| जो की 2020 में आई थी | “छोल्यार” एक ऐसी फिल्म है जिसने संस्कृति को पूरी तरह से दिखाया है |