दीवाली पर माँ लक्ष्मी की पूजा कैसे करें
                                स्वच्छता एवं सजावट
पूजा की जगह पहले अच्छे से झाड़ू-पोंछा करें, घर पूरी तरह साफ रखें — माना जाता है कि माँ लक्ष्मी स्वच्छ और सुंदर घरों में ही निवास करती हैं।
पूजा स्थान को लाल या रंगीन सुन्दर वस्त्र, रांगोली, दीपक आदि से सजाएँ।

- पूजास्थल स्थापना एवं देवताओं का आह्वान
 
एक मंच (चौकी) रखें, उस पर साफ कपड़ा बिछाएँ। उस पर माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
कलश (पानी भरा हुआ घड़ा), आम के पत्ते, नारियल आदि पूजन सामग्री को स्थान पर रखें और देवताओं का निमंत्रण (आवाहन) करें।

- पूजा-अर्चना एवं आचमन
 
सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें ताकि सभी विघ्न दूर हों।
फिर माँ लक्ष्मी की पूजा करें — ध्यान (ध्यानम), पुष्प अर्पण, दीप प्रज्वलन, नैवेद्य आदि माध्यमों से।
पूजा के दौरान मंत्रों का जप व श्रद्धापूर्वक अर्चना करें।

- आरती, तथा प्रसाद वितरण
 
पूजा के अंत में माँ लक्ष्मी व गणेश की आरती करें।
प्रसाद (मिठाई, फल आदि) ग्रहण करें और वह घर-आसपास में बांटें।

- अक्षय और रात्रि क्रिया (रात्रि पूजन / अलीक्ष्मी निकालना)
 
दीपों को पूरे घर में जलाएँ — पूजा कक्ष, प्रवेश द्वार, अँगन आदि जगहों पर।
मध्यरात्रि में एक नया झाड़ू (स्वच्छ) ले और घर में झाड़ू लगाकर कचरा बाहर निकालें — इसे “अलक्ष्मी को बाहर निकालना” कहा जाता है।
उसी समय माँ लक्ष्मी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें और दूसरों को शुभकामनाएँ दें।







