दीपावली पर माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने की संपूर्ण पूजन विधि
                                दीपावली या दिवाली हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और पवित्र त्यौहार है। इस दिन माँ लक्ष्मी, भगवान विष्णु और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति सच्चे मन और श्रद्धा से माँ लक्ष्मी की पूजा करता है, उसके घर में सुख-समृद्धि, धन-धान्य और खुशहाली का आगमन होता है। आइए जानते हैं कि दीपावली के दिन किस प्रकार से पूजा की जाए ताकि माँ लक्ष्मी प्रसन्न होकर आपके घर में स्थायी रूप से निवास करें।
- दीपावली का महत्व
 
दीपावली का अर्थ होता है – “दीपों की पंक्ति”। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की, अज्ञान पर ज्ञान की, और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। माना जाता है कि इस दिन भगवान श्रीराम चौदह वर्षों का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे थे। तभी से दीप जलाने की परंपरा शुरू हुई।
माँ लक्ष्मी को इस दिन विशेष रूप से पूजने का कारण यह है कि यह दिन अमावस्या की रात्रि होती है, और अंधकार में प्रकाश का स्वागत स्वयं माँ लक्ष्मी को बहुत प्रिय है।

- दीपावली से पहले की तैयारी
 
माँ लक्ष्मी स्वच्छता और सादगी की देवी हैं। इसलिए पूजा से पहले घर की पूरी सफाई करना बहुत जरूरी है।
पूजा से पहले की तैयारियाँ:
घर की सफाई करें, खासकर पूजा स्थान और मुख्य द्वार को अच्छे से धोकर सजाएँ।
घर में रोशनी करें – बिजली की लाइट, दीये, मोमबत्तियाँ आदि से सजावट करें।
दरवाजे पर तोरण (आम या अशोक के पत्तों से) लगाएँ।
द्वार पर स्वस्तिक और शुभ-लाभ का चिन्ह बनाना न भूलें।
पूजा के लिए एक चौकी पर लाल या पीले कपड़े से आसन सजाएँ।
- पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
 
माँ लक्ष्मी की पूजा में निम्नलिखित सामग्री का उपयोग करें:
- माँ लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी की मूर्तियाँ
 - लाल या पीला कपड़ा
 - कलश, पानी, सुपारी, चावल, अक्षत
 - धूप, दीपक, कपूर, घी, रुई
 - फूल (खासकर कमल और गुलाब)
 - चंदन, हल्दी, कुमकुम
 - मिठाई, फल और मेवे
 - नए सिक्के या नोट (धन का प्रतीक)
 - पान, लौंग, इलायची
 - घी का दीपक और तेल का दीपक
 - पूजा का शुभ मुहूर्त
 
दीपावली की रात अमावस्या होती है, इसलिए पूजा संध्या समय यानी सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में की जाती है।
यह समय लगभग सूर्यास्त के 24 मिनट बाद से लेकर 2 घंटे 24 मिनट तक सबसे शुभ माना जाता है।
हर वर्ष का सटीक मुहूर्त पंचांग के अनुसार तय किया जाता है, इसलिए पूजा से पहले स्थानीय पंचांग या पंडित से समय अवश्य जान लें।

- माँ लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा विधि
 
अब जानते हैं कि दीपावली की रात माँ लक्ष्मी की पूजा किस क्रम में करें।
(1) संकल्प लें
सबसे पहले हाथ में चावल, फूल और जल लेकर भगवान का स्मरण करते हुए संकल्प लें –
“हे माँ लक्ष्मी! हे गणेश जी! आज दीपावली के पावन अवसर पर मैं श्रद्धा और भक्ति के साथ आपका पूजन कर रहा/रही हूँ। कृपा करें और मेरे घर में स्थायी निवास करें।”
(2) कलश स्थापना करें
चौकी पर एक कलश स्थापित करें। उसमें जल, सुपारी, चावल, और सिक्के डालें। ऊपर नारियल और आम के पत्ते रखें। यह समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक है।
(3) भगवान गणेश की पूजा
माँ लक्ष्मी की पूजा से पहले भगवान गणेश की पूजा करें क्योंकि वे विघ्नहर्ता हैं।
उन्हें फूल, अक्षत, दुर्वा, लड्डू और धूप अर्पित करें।
गणेश जी के मंत्र का जाप करें –
“ॐ गं गणपतये नमः” (11 बार)
(4) माँ लक्ष्मी की पूजा
अब माँ लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएँ।
उन्हें स्नान कराएँ (अगर मूर्ति छोटी हो तो गुलाबजल या गंगाजल छिड़कें)।
लाल या गुलाबी फूल चढ़ाएँ।
चंदन, हल्दी, कुमकुम, चावल, और सिक्के अर्पित करें।
दीपक जलाकर आरती करें।
माँ लक्ष्मी के मंत्र का जाप करें –
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” (108 बार सर्वोत्तम है)।
(5) कुबेर जी की पूजा
कुबेर जी धन के रक्षक माने जाते हैं।
उनकी मूर्ति के सामने सिक्के और धन रखें।
कुबेर जी से प्रार्थना करें कि वे आपके धन की रक्षा करें।

(6) आरती करें
अब माँ लक्ष्मी और गणेश जी की आरती पूरे परिवार के साथ गाएँ।
दीपक पूरे घर में घुमाएँ ताकि सकारात्मक ऊर्जा फैले।
घर के सभी कोनों में एक-एक दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है।
- पूजा के बाद क्या करें
 
पूजा पूरी होने के बाद घर के मंदिर में एक दीपक पूरी रात जलता रहना चाहिए।
प्रसाद और मिठाई सभी परिवारजनों में बाँटें।
अगली सुबह पूजा स्थल को साफ कर देवी-देवताओं का आशीर्वाद लें।
प्रयत्न करें कि दीपावली के दिन किसी का मन न दुखाएँ और न ही अपशब्द कहें।
- माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के खास उपाय
 - दीपावली की रात घर के उत्तर-पूर्व दिशा में दीपक जलाएँ।
 - दरवाजे पर दो दीपक दोनों ओर रखें, इससे लक्ष्मी जी अंदर प्रवेश करती हैं।
 - कमल के फूल पर बैठकर “श्री सूक्त” या “लक्ष्मी चालीसा” का पाठ करें।
 - काले तिल और सरसों के तेल का दीपक जलाएँ, इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
 - घर के बुजुर्गों और जरूरतमंदों का आशीर्वाद लें। माँ लक्ष्मी को दान-पुण्य बहुत प्रिय है।
 - दीपावली के दिन क्या न करें
 
झगड़ा या अपशब्द बिल्कुल न बोलें।
झाड़ू या कूड़ा रात में बाहर न फेंकें, इसे माँ लक्ष्मी का अपमान माना जाता है।
अंधेरा न रखें, क्योंकि माँ लक्ष्मी अंधेरे स्थान में प्रवेश नहीं करतीं।
किसी से उधार न लें और न दें।
- दीपावली का असली संदेश
 
दीपावली सिर्फ धन-समृद्धि का त्यौहार नहीं है, बल्कि मन के अंधकार को दूर कर आत्मा में प्रकाश फैलाने का पर्व है।
अगर आप सच्चे मन से भक्ति, प्रेम और सेवा भाव के साथ माँ लक्ष्मी की आराधना करेंगे, तो देवी स्वयं आपके घर आएँगी और आपके जीवन को खुशियों से भर देंगी।
दीपावली की रात अगर मन से किया गया एक दीपक भी जलाया जाए, तो वह अंधकार मिटा देता है। इसलिए पूजा के साथ-साथ मन में भी सच्चाई, प्रेम और आभार का दीप जलाएँ।
माँ लक्ष्मी से यही प्रार्थना करें कि वे आपके घर में धन के साथ-साथ शांति, सद्भाव और सुख का वास करें।






