दिल्ली के स्कूलों में नया शिक्षा कार्यक्रम: ‘राष्ट्रनीति’ के तहत पढ़ाई जाएगी आरएसएस और स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियां
दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों के लिए एक नया शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका नाम ‘राष्ट्रनीति’ रखा गया है। इस कार्यक्रम के तहत छात्रों को आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के इतिहास, योगदान और सामाजिक कार्यों के बारे में पढ़ाया जाएगा। साथ ही, स्वतंत्रता सेनानियों और देश के महान नेताओं की भूमिका पर भी जोर दिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में नागरिक जिम्मेदारी, सामाजिक चेतना और राष्ट्रीय गौरव की भावना जगाना है।

क्या पढ़ाया जाएगा?
छात्रों को आरएसएस की स्थापना, उसकी विचारधारा और स्वतंत्रता संग्राम में निभाई गई भूमिका के बारे में जानकारी दी जाएगी।
आरएसएस के सामाजिक कार्य जैसे – रक्तदान अभियान, खाद्य वितरण, बाढ़ और भूकंप जैसी आपदाओं में मदद, तथा कोविड महामारी के समय की सेवाओं को भी शामिल किया गया है।
वीर सावरकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों पर अध्याय होंगे।
पाठ्यक्रम में अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं का भी उल्लेख रहेगा।
इसके साथ ही उन गुमनाम नायकों को भी जगह दी जाएगी जिन्होंने देश के लिए बड़ा योगदान दिया लेकिन नाम ज्यादा प्रसिद्ध नहीं हो सका।
कैसे लागू होगा यह कार्यक्रम?
‘राष्ट्रनीति’ कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों के लिए तैयार किया गया है।
शिक्षक पुस्तिकाएं पहले ही तैयार कर ली गई हैं।
शिक्षकों के लिए एससीईआरटी में विशेष प्रशिक्षण सत्र भी चल रहे हैं।
अभी यह तय किया जा रहा है कि कौन-कौन सी कक्षाओं में कौन से अध्याय शामिल होंगे।
कब हुआ शुभारंभ?
इस कार्यक्रम का आधिकारिक शुभारंभ 18 सितंबर को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने किया था। यह कार्यक्रम भारत मंडपम में आयोजित ‘नमो विद्या उत्सव’ के दौरान शुरू किए गए तीन नए पाठ्यक्रमों में से एक है।

इस पहल का मकसद है कि बच्चे सिर्फ किताबों तक सीमित न रहें, बल्कि शासन, लोकतंत्र और सक्रिय नागरिकता के व्यावहारिक अनुभव भी हासिल कर सकें।






